RAVINDRA KUMAWAT   (मेरे शब्द ®️ ‼️)
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Joined 1 January 2024


Joined 1 January 2024
28 MAR AT 10:31

इस खामोशी को लफ़्ज़ों में बदल कर तो देख
इन लफ़्ज़ों को कभी सुनकर तो देख
मेरे इश्क को महसूस तो कर
बेहद खुबसूरत है ये कभी इसे जी कर तो देख

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20 MAR AT 9:48

जब तुमने मुड़ कर देखा तो
हम मुड़ना भुल गये थे

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4 MAR AT 18:36

जब खुद से खुद तक के
रास्ते मिले ही नहीं
तो जोधपुर से पाली के
रस्ते भी थम गये
आज से हम पाली में ही
ठहर गये।

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24 FEB AT 9:45

मेरा मन मना कर रहा है
मेरा दिल मना रहा है
मेरा दिमाग माने किसकी
आखिर
मनमानी दोनों तरफ से जो हो रहीं हैं


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16 FEB AT 12:17

मेरे पहले शब्द ®️- 2023

कहीं हम वहाँ तो नहीं जा रहे
जहाँ कवि शायरों का मौहल्ला है

(किसी अनजाने से पता चला)

हमारे शब्दों से यार दोस्तों की
महफ़िल का माहौल बन रहा है।

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13 FEB AT 8:58

उन्हें यदि तनिक भी भान होता
कि उनकी विजय के प्रमाण
मांगे जाएंगे
तो आज हर चौराहे पर
एक विजय स्तम्भ होता!!

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7 FEB AT 8:37

अब वो शख्स बन गया हूँ जो
खुद से खुद तक का रास्ता नहीं ढूंढ पाया
और
जोधपुर से पाली
पाली से जोधपुर
जोधपुर से पाली
पाली से जोधपुर
की बसें ढुढ़ रहा हूँ।

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5 FEB AT 22:22

तेरे लिबास से मोहब्बत की है,
तेरे एहसास से मोहब्बत की है,
तू मेरे पास नहीं फिर भी,
मैंने तेरी याद से मोहब्बत की है..!

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5 FEB AT 9:14

हम कलम हैं 🖊 हुकुम जितना दबाओगे उतनी ही गहराई से निखरेंगे।

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4 FEB AT 15:32

मैंने इन चलती हुई राहों
पर अजा देखी है
मन्ज़िल का तो पता नहीं
पर एक खूबसूरत सी सुबह देखी है।

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