यु जीवन सै अनमोल ओ साथी ।
नहीं किसे पै जोर औ साथी -2 ।।
धरती पै जद आई रै लाडो ।
नाक कटी समझी रै लाडो ।।
यु जीवन सै अनमोल रै लाडो ।
नहीं रूकैगे अब रै लाडो ।। 1 ।।
बेटा-बेटी फर्क बणाया ।
घर का मुखिया छो मै ना आया ।।
उड़ान भरी रै जद बेटी नै ।
सबनै मिलकै नीचै गिराया ।। 2 ।।
यु जीवन सै अनमोल........
लाडो हो सै शान रै घर की ।
जिस घर मै ना हो सै लाडो ।।
घर बेघर होजै सै सुणलो ।।
यु जीवन सै अनमोल रै सुणलो ।।
नहीं किसे पै जोर रै सुणलो ।। 3 ।।
लडका-लडकी आवण लागे ।
प्रेम-प्यार समझावण लागे ।।
नया समाज बणावण लागे ।
जग होग्या खुशहाल रै लोगो ।। 4 ।।-
बिंदास मुस्कुराओ
क्या गम है..
चाहते किसी की..
जहा मे कहां कम है ।
वो ग़ालिब भी..
मुस्कुराया होगा ।
इस खिलते चहरे को देखकर
फिर इस खिलते चहरे को..
जहां मे कहां गम है ।।-
क्या इस धरा पर ,
अब कोई इंसान ना होगा ।
मोह-माया , घृणा मिथ्या से ,
क्या ओत-प्रोत इंसान ना होगा ।।1।।
लड़का-लड़की जात दो है ,
पर तुम्हारी जात का क्या होगा ।
इंसानियत धर्म एक है हमारा ,
पर तुम्हारे धर्मों का क्या होगा ।।2।।
प्रेम-प्यार भाषा सब समझे ,
पर तुम्हारी भाषा का क्या होगा ।
नफरत ही आज इंसा को तोडे ,
तो तुम्हारी नफरत का क्या होगा ।।3।।
और जात-धर्म इंसा को बांटे ,
ये जरिया नहीं मिलाने का ।
ये अच्छे-अच्छे इंसा को बांटे ,
ये जरिया इसी पैमाने का ।।4।।
तु आईना ऐसा बना दे खुदा ,
जो झूठ को सच ना दिखा सके ।
जो किरदार को छिपा ना सके ,
और चेहरे को कभी दिखा ना सके ।।5।।-
अकेले आए थे...
अकेले ही जाना है...
तो फिर अकेले रहने में...
क्या प्रॉब्लम है ।।-
सब रिश्ते
दिखावा ही तो है
जहान मे...
तभी तो
सब दिखावा ही
पसंद करते है
जहान मे ।।-
कई बार इंसान...
ऐसे हालातों से..
घिरा होता है ।
जहां वो...
ना ही जी सकता ।
और ना ही...
वो मर सकता ।
लेकिन तब भी लोगो को
उसमें...
चलाकिया ही नजर आती है ।-
जो इंसान...
बोल नहीं सकता ।
जो इंसान...
सोच नहीं सकता ।
वो इंसान मृत होता है ।
और मृत इंसानों से...
रिश्ते नहीं बनते ।।-
जिसे खुद से ही..
प्यार ना हो ।
उसे दुसरो से..
क्या खाक होगा ।।-