Ravikant Dushe   (Ravi)
1.2k Followers · 1.3k Following

Engineer by Profession Poet by heart
Joined 19 July 2020


Engineer by Profession Poet by heart
Joined 19 July 2020
AN HOUR AGO

चेहरे से दिल का जबसे पता चल रहा है
आइने को वो सबसे खूबसूरत लग रहा है

चेहरे तो बदल जाते है वक्त के साथ
चेहरा तो बेवजह ही लोगो को छल रहा है

जबसे हुई मुलाकात रूह की रूह से
चेहरे की खूबसूरती का सारा भरम निकल रहा है

-


AN HOUR AGO

मिलने तुझसे पहली बार आया हूँ में
तेरी एक झलक के लिए बेकरार आया हूँ में

दूर की मुलाकातों ने जी नहीं भरता
तुझसे कभी न जुदा होने के लिए आया हूँ में

आगे का सफर अब तेरे साथ ही होगा
सब कुछ पीछे छोड़कर तेरे लिए आया हूँ में

इन खाली हाथों में थामना है तेरा हाथ
ये दिल तेरा था तुझको ही देने आया हूँ में

बहुत हुई दुनियादारी अब और नहीं
तेरे साथ ये जिंदगी अब जीने आया हूँ में

-


3 HOURS AGO

कितना भी लिखूँ पन्ना दिल का भरता ही नहीं
ये रूह का बंधन है कभी मरता ही नहीं
एक बार होती हैं मोहब्बत बार बार होती नहीं
तेरा चेहरा आँखो से सरकता ही नहीं

-


4 HOURS AGO

जब तक न तेरा सलाम हो सबेरा कहाँ होगा
ये सूरज न जाने किस जहाँ होगा

देखूँगा तेरी आँखों से मैं सुबह की भोर
तू जिस ज़मीं पर पाँव रखेगी मेरा उजाला वहां होगा

देर हो सकती है अंधेर नहीं होगी
मुझे यकीन है एक दिन तू मेरा जरूर होगा

करूंगा तेरी इबादत खुदा से ज्यादा में
तू मेरे पास आने को एक दिन मजबूर होगा

Good Morning !!
Care and Take Care !!

-


15 HOURS AGO

समझा है जिसने दर्द बिना कहे जुबां से
मिलता है हमदर्द जब रहम होता है खुदा से

-


15 HOURS AGO

उसकी जेबाई पर सारी अदाएं फबती है
हर रंग की छटाए उस पर जँचती है

सभी तो है उसके मुरीद यहां
चांद चांदनी रागिनी सब उसकी बाते करती है

उसके नूर पर जो तिल है उसे कातिल कहता हूँ
उसकी अदाकारी पर सारी दुनियां मरती है

देखने वाले देखते रह जाते है
जब सज संवरकर वो घर से निकलती है

हार जाते है सब अपना दिल उस पर
जब वो प्यार से आहे भरती है

-


20 HOURS AGO

छूकर उसने प्यार से
भिगो दिया अंतर्मन
अपना बना के उसने कर दिया
जिंदगी को मुक्कमल

-


21 HOURS AGO

दोनों के दिल एक दोनों के ख्वाब एक है
कहने को दो जिस्म है जान एक है

-


23 HOURS AGO

निकलता है मेरा सूरज जब होता है तेरा इशारा
सूरज भी जानता है तेरे जैसा नहीं कोई प्यारा

तुम्हारे आने के बाद शुरू होता है दिन
नहीं तो रहता है ये दिल बेसहारा

कितनी की तेरी इबादत जानता है खुदा मेरा
मै जीता नहीं कभी तुझसे हमेशा ही हारा

तुम आओ तो बुन लूँ कुछ खुशियां दामन में
तेरे बगैर तू क्या जाने कैसे होता है गुजारा

-


23 HOURS AGO

हम तुम्हारे है ये बात आम हुई
जबसे तुझसे मोहब्बत सरेआम हुई

पहले सलाम से आखिरी अंजाम तक
जैसे तू ही मेरी सुबह शाम हुई

इस तरह से हो गए हम तुम्हारे
लगता है ये सांसे तेरी ही गुलाम हुई

हमने भी छुपाना छोड़ दिया जमाने से
मोहब्बत इबादत है कब ये गुनहगार हुई

लिखता हूँ तुझ पर समझते है लोग सारे
तू मेरे हर शब्द में अब शुमार हुई

चलता रहे ये रिश्ता सारी उम्र यूँ ही
जिंदगी एक मर्तबा मिलती है कब ये बार बार हुई

-


Fetching Ravikant Dushe Quotes