Ravikant Dushe   (Ravi)
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Engineer by Profession Poet by heart
Joined 19 July 2020


Engineer by Profession Poet by heart
Joined 19 July 2020
22 MINUTES AGO

आँखों मे सैलाब हाथों में गुलाब
मोहब्बत बेइंतहाई सफ़र है जनाब

कोई करता रहता है मनुहार उम्र भर
आता नहीं किसी का उधर से ज़वाब

पाक रिश्ते पर भी सवाल उठाते है लोग
दिल नासाज और सोच है जिनकी खराब

मोहब्बत करती है खामोश इबादत
मोहब्बत करने वाले करते नहीं हिसाब

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2 HOURS AGO

दी है दस्तक दिल दरवाजे पर बहुत दिनों के बाद
सुबह लेकर आई है खुशियाँ बहुत दिनों के बाद
आज तम्मनाओ ने ली अंगड़ाई बहुत दिनों के बाद
लगता हैं उसे याद है आई बहुत दिनों के बाद
बहुत दिनों से छुपा हुआ था वो कहीं दूर बदली मे
आज रोशन हुआ है सबेरा बहुत दिनों के बाद

Good Morning !!
Care and Take Care !!

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8 HOURS AGO

लिखा है दिल की पाती पर
एक पैगाम मोहब्बत का
लिखा है तुझको खुदा अपना
और जरिया अपनी इबादत का
लिखा नहीं कुछ भी अपना
जिक्र है उसमे बस तेरा
क्या पढ़ोगे तुम खत मेरा

पता नहीं तेरा पास मेरे भेजूं किस पर
दिल का लिखा रह जाएगा मेरे दिल पर
मिट जाएगा प्यार का ये कलाम मेरा
जब जल जाएगा जिस्म के साथ ये दिल मेरा
उसके पहले आकर के
क्या पढ़ोगे तुम खत मेरा

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13 HOURS AGO

एक मुद्दत बाद उसका पैगाम आया है
लगता है अब जाकर जिन्दगी में कयाम आया है

एक उम्र से जिसकी तलाश थी मुझको
उसे मेरा ख्याल बहुत देर के बाद आया है

देखकर मेरी तार तार हुई हालत को
उसका कलेजा भी मुह तक आया है

पसीज गया उसका भी दिल देखकर मेरा प्यार
वो लेकर अपना प्यार बेशुमार आया है

इन पथरीली आँखों को उसी का इन्तज़ार था
गनीमत है आखिरी वक्त ही सही मेरा मयार आया है

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13 HOURS AGO

हर चाहत यहाँ पूरी नहीं होती
ये जिन्दगी मुक्कमल नहीं होती
हर किसी के सीने मे कुछ राज दफन है
हर बात तो जुबाँ से बयाँ नहीं होती

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13 HOURS AGO

किसी को फर्क नहीं पड़ता
किसी की परेशानी से
लोग बुझाते नहीं
लगाते है आग पानी में

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16 HOURS AGO

धड़कनों से बज रहा है संगीत अब सितार का
दिल बन गया है घर जबसे तुम्हारे नाम का

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18 HOURS AGO

वो नाराज हो जाए तो मनाएंगे उसे सलीके से
देंगे उसको गुलाब मोहब्बत के तरीके से

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19 HOURS AGO

जिन हाथों ने जख्म दिए
उन्हीं से मरहम चाहता था
दिल कितना नादाँ था
क्या चाहता था
बार बार उसी पर किया
यकीं हमने
जो मेरे जख्मों पर
नमक चाहता था

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20 HOURS AGO

कोरे कागज पर एक नयी कहानी लिखो
जिन्दगी को खुशियो की निशानी लिखो

लिखो जिन्दगी एक बार मिलती है अनमोल है बहुत
इसे न दर्दों गम की रवानी लिखो

फूल भी खिलते है काँटों के साथ
पतझड़ के बाद बसंत भी आता है
इन्द्रधनुषी आसमाँ पर न दास्ताँ पुरानी लिखो

लिखना अपने हिसाब से अपने तौर तरीके से
कोरे कागज पर एक सुनहरी जिंदगानी लिखो

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