लिखा है दिल की पाती पर
एक पैगाम मोहब्बत का
लिखा है तुझको खुदा अपना
और जरिया अपनी इबादत का
लिखा नहीं कुछ भी अपना
जिक्र है उसमे बस तेरा
क्या पढ़ोगे तुम खत मेरा
पता नहीं तेरा पास मेरे भेजूं किस पर
दिल का लिखा रह जाएगा मेरे दिल पर
मिट जाएगा प्यार का ये कलाम मेरा
जब जल जाएगा जिस्म के साथ ये दिल मेरा
उसके पहले आकर के
क्या पढ़ोगे तुम खत मेरा
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