इश्क़ की किताब का उसूल है साहब
अगर मुड़ कर देखोगे तो मोहब्बत मानी जायेगी।
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Leaving a bit of sparkle everywhere i go..
bhopali
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इश्क़ की किताब का उसूल है साहब
अगर मुड़ कर देखोगे तो मोहब्बत मानी जायेगी।
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आखिर कितना चाहना पड़ता है ,
एक शख़्स को ,
की वो किसी और को न चाहे।-
कभी बेपनाह बरसी कभी गुम सी है,
ये बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है।-
वक्त बढ़ता रहा,
ज़िंदगी सिमटती गई
दोस्त बढ़ते रहे
दोस्ती घटती रही।-
बेचैन दिल को और बेचैन ना कर
इश्क़ करना है तो कर
अहसान ना कर।-