कयामत की भीड़ में तन्हा क्यो जिंदा खड़ा हूं मैंमेरे दर्द ए दिल का मुर्शिद कुछ तो हल हो। -
कयामत की भीड़ में तन्हा क्यो जिंदा खड़ा हूं मैंमेरे दर्द ए दिल का मुर्शिद कुछ तो हल हो।
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गर शिक्वो से कुछ मिलता तो हमें खुद से हजार है, अब तेरी जो रजा ऐ मुर्शिद उस रजा में जी लूंगा मेंघुट घुट के मर लूंगा मगर किसी से शिकवा नहीं रखुंगा में। -
गर शिक्वो से कुछ मिलता तो हमें खुद से हजार है, अब तेरी जो रजा ऐ मुर्शिद उस रजा में जी लूंगा मेंघुट घुट के मर लूंगा मगर किसी से शिकवा नहीं रखुंगा में।
क्या मिला ऐ दिल तुझे दुनियावी-दिल्लगी से,बंदगी से जुदा हो क्यू अपना सुकूँ गंवा बैठा l -
क्या मिला ऐ दिल तुझे दुनियावी-दिल्लगी से,बंदगी से जुदा हो क्यू अपना सुकूँ गंवा बैठा l
मेरा सोहन्ना यार रूहानी ,रूहे जिसकी दीवानी है l -
मेरा सोहन्ना यार रूहानी ,रूहे जिसकी दीवानी है l