रंगों का त्यौहार है होली, बड़ो को आदर,छोटो को प्यार ऐसा व्यवहार है होली, रिश्तों में मिठास लाये,ऐसा एहसास है होली, आपसी दुश्मनी मिटाये,ऐसा प्रयास है होली।।
रंगों के जगह अपने बयानों का ज़हर ना घोलना, पानी की बर्बादी है ऐसा हमसे ना बोलना।। एक दिन होली से पानी ख़त्म ना हो जाएगा, जम कर खेलना होली क्योंकि ये फिर अगले साल ही आएगा।।
हर साल मुसीबतें हज़ार देखता हूँ, कभी बाढ़,तो कभी चमकी बुखार देखता हूँ, झूठे वादे और भ्रष्टाचार देखता हूँ, दूसरे राज्यों में रोजगार देखता हूँ, खुशी मिलती है जब अपना इतिहास देखता हूँ, रो देता हूं,जब अपना वर्तमान देखता हूँ।।
खुद को अब खुद ही, संभाल लेता हूं, दर्द को अपने अंदर ही छुपा लेता हूं, लोग चाहते थे मैं उनकी तरह समझदार बन जाऊं, तो मैं भी अब रिश्तों में झूठा प्यार दिखा देता हूं।।