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znaab
मेरी और उसकी मोह्ब्ब्त मे फ़र्क बस इतना सा था
मैने दिल लगाया था
और उसने
अपना दिमाग.
🥀♥♥♥-
_मेरे शब्द लोगो के लिए अधूरे पर मेरे लिए पूरे हैं!
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znaab
मेरी और उसकी मोह्ब्ब्त मे फ़र्क बस इतना सा था
मैने दिल लगाया था
और उसने
अपना दिमाग.
🥀♥♥♥-
_.ये मत समझना की मोहब्ब्त ख़तम हो गई है
.बस.
इन दूरियों के फासलों से थोड़ा घबरा गए है।. _-
_आज मै खुद से बड़ी मुद्तों बाद मिला
मिलकर खुद को देखा तो बहोत उदास था!_
☹︎-
꧁ज़िन्दगी की किताब....
. दुख और सुख की स्याही से लिखा गया है_
. जिस दिन किताब का हर पन्ना भरा_
.उस दिन हमारी जिंदगी भी खत्म꧂-
_बस फर्क जरूरतों की हैं_
☀︎︎इंसान नहीं उसकी जरूरतें बदलती रहती हैं☀︎︎
.....जनाब.....
✔︎पहले हम थे .𖨆.पर आज कोई और✔︎
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♡︎
_रिस्ते जुड़ने में बहुत वक्त लग जाते हैं
और
टूटने में एक पल भी नहीं लगता_
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