तुम्हारे ख्वाबों में मेरे अलावा सबकी यादों का पतन रहे तो केसा रहे
भूलाकर सारी बाते, करने को सिर्फ मेरा जतन रहे, तो केसा रहे
इस भरी सर्दी में अगर उतार दू मैं तुम्हारे सारे कपड़े
और ओढ़ने को तुम्हारे पास सिर्फ मेरा बदन रहे, तो केसा रहे-
उसकी हजारो गलतियों पर भी मेरे दिल में उसके लिए प्यार है
मेरे एक बार कहने पर उसकी हर गलतियों में जो सुधार है
बिजी होने पर भी मेरे कॉल का जिसको बेसब्री से इंतजार है
उसकी चोट देखकर मेरे दिल में उसके लिए सवाल हजार है
यूं तो रोती नही पर उसके रोने पर मेरा जी भर के उसको दुलार है
उसकी फोटो से ही मुझे उसकी सादगी का दीदार है
उसके एक दर्द पर मेरी हजारों खुशियां उस पर निसार है
उसके आगे तो हर हुस्न की परी को भी मेरा इनकार है
ये मेरी बेइंतहा मोहब्बत का सरे आम इजहार है
होली, दीपावली, दशहरा तो सबके लिए खास है
मेरी जान का बर्थडे ही मेरा सबसे बड़ा त्यौहार है!-
हर बात पर गुस्सा कुछ पर तो मेरा ख्याल होना चाहिए
कम से कम मेरी बेरुखी पर तो तेरा सवाल होना चाहिए
हम मीले अकेले में और गले भी ना लगे
अरे इस बात पर तो मलाल होना चाहिए।-
हमारे लिए ही इकरार था या थोड़ी उनकी भी इबादत थी
सिर्फ मेरा ही प्यार था या थोड़ी उनके लिए भी शिद्धत थी
करो या मरो के वक्त उनकी जुबान तक ना खुली
ओर वो कहते है ये उनकी बेइंतेहा मोहब्बत थी।-
ना तो मुझे अपनो को खोना है
न अश्को से पलको को भिगोना है
मुझे हर रात चैन की नींद सोना है
सेकड़ो ज़िन्दगी बचाने का यही एक तरीका है
तो हा stay away मुझे कोरोना है-
तुझे निहारते थकी इन आंखों को विश्राम देना है
तेरी जुल्फे संवारते थके हाथो को आराम देना है
इस खेल में तुझसे बेहतरीन शायद ही कोई होगा
एक बार मिलना जान तेरी बेवफाई का इनाम देना है-
मुझे नज़र भर देख लेने को मन उसका भी तो तरसता है
अचानक देख लेने से दिल उसका जोरो से धड़कता है
में रोक देता हु अक्सर जब दुपट्टा उसका सीने से सरकता है
वो बोली सब खत्म करो तुम्हारी caste मेरे लेवल की नही
हुह... आज मेरा महबूब उसकी आखो में खटकता है-
मेरे घर की बेशुमार यादों का ख्याल मत पूछना
इस मंजिल में मेरे पैरो की चाल मत पूछना
तेरे हाथो की रोटी की तो बात ही अलग थी माँ
यहां की रोटी सब्ज़ी और दाल मत पूछना
घर कब आएगा, हर बार ये सवाल मत पूछना
तुझसे दूर रहने का मुझसे मलाल मत पूछना
में तुम्हे हसकर हर एक किस्सा सुनाऊंगा माँ
में कैसा हु, बस ये हाल मत पूछना।-
यु मीले की मुलाकात ना हो सकी
होंठ खुले मगर बात ना हो सकी
उनकी खामोशी हर बात कह गयी
अब उनको शिकायत है कि बात ना हो सकी।-
लो, सुनकर मेरी आहट खुद को मेरा तलबगार बनाना
तम्हे है गर सच - मुच जानना मेरे बारे
अपना अखबार बदल मेरे शहर का अखबार लगाना
और हो चाहत अभी भी नर्म हवाओं की
तो अपने रोशनदान पर मेरे दुपट्टे का पहरेदार लगाना-