उफ्फ ये निगाहें दिल लगी की वजह बन रही है,
चलो छोड़ो भी तुम मुसाफिर हो हमसे कहा दिल लगाओगी ।
रवि मुंतजिर...-
Aur khud bhi khamosh hue baitha Hun.
Mere Dil ke halaat b... read more
आगाज- ए- मुहब्बत करे तो करे कैसे ,
दिल की बातें कहे तो कहे कैसे ।
इश्क हुआ है तुमसे और कर रहे है ,
तुम्हे अपना कहे तो कहे कैसे ।।
रवि मुंतजिर....-
प्रेम में पड़ी स्त्री किसी गैर कि तारीफ का मोहताज़ नही होती ,
जब उसे गैर की तारीफ अच्छी लगने लगे तो उसमे वो प्रेम नही होता ।।
रवि मुंतजिर...
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कई मर्तबा गुज़रे थे वो मेरे कब्र के दरवाजे से ,
आज भी वो सर झुका कर जाते है ।
रवि मुंतजिर...-
सोचा मुहब्बत बहुत अच्छी होगी करके देखते है ,
आसूं और दर्द है बस इसमें अब थोड़ा मरके देखते है ।
रवि मुंतजिर...-
Mera ishq hai laalten ke Chaand ka ,
Suraj doobane ke baad bhi Roshan rehta hai.
Meri muhobbat hai nadiyon ke dhaar ki,
Patthar se takarane ke baad bhi behati rehti hai.
Ravi Sharma-
जा तू , तुझे भी तेरी याद आई होगी ,
यूहीं नहीं मुहब्बत में तुझे हसी आई होगी ।
रवि मुंतजिर...-
उस कान में लटकते झुमके सा ,
मेरा इश्क तेरे करीब आ जाए ।
जब जुल्फें टकराएं मुझ से तो ,
हौले से बस तू मुझे छू जाए ।।
रवि मुंतजिर...
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चांद के इंतजार में तारें गिनता हूं,
तेरी बात मैं हर इक से करता हूं ।
इश्क हुआ है तेरे नाल मेरा जो,
हर ख्वाब मेरा उन्ही से बुनता हूं ।
रवि मुंतजिर...-
दिल करता है इश्क के लिए बच्चा बन जाऊं ,
गलतियां करूं तो फिर भी अच्छा बन जाऊं ।
जिस तरह उस छोटी आंखों में दिखती है ,
उसी तरह हर बार मैं सच्चा बन जाऊं ।।
रवि मुंतजिर...
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