Ravi Kant  
90 Followers · 27 Following

Poet
Joined 6 December 2020


Poet
Joined 6 December 2020
22 APR AT 21:37

आंसू की धार हर पल तैयार
खंजर सीने के अंदर करता वार बारम्बार।

भर गया है गला इतना, समंदर में पानी जितना
बहने को बहाने ढूंढे, रहता हर पल तैयार।

अब रुकते नहीं, ये दिखते नही
अंदर अंदर बहते रहते
कहते कुछ न सहते रहते।

कब तक सहे, कब तक चुप रहे
जो कुछ बोले तो बहे अश्रुधार।
गला भर आए, दिल खाली न होए
दिल का दर्द आंखो में लिए
कब तक यूंही छुप छुप के रोए।

-


2 APR AT 0:28

उमर कच्ची, पर इश्क सच्चा
कैसे समझाए जब दिल हो बच्चा।

-


1 APR AT 1:34

हम उम्मीद लगाते रह गए
वो उम्मीद दिखाते रह गए।

नींद चुराने वाले के हम
ख़्वाब सजाते रह गए।

वो पत्थर दिल वाला था
हम मूरत बनाते रह गए।

-


20 MAR AT 14:00

दिल उदास है मगर खुशी कही से ढूंढ लानी है
जो दुख में ही गुजर जाए वो बेकार जवानी है।

-


17 MAR AT 14:35

लोग परखते हैं, न्यायाधीश बनते है
परख के ना जाने क्या खुशी महसूस करते है
इंसानियत खो गई है कही जांचने में
खुद ना कम आके जाए इस बात से डरते है।

-


16 MAR AT 16:25

मिल गई खुशी खाक में
बाकी था तो जिंदगी का मिलना राख में।

-


16 MAR AT 15:26

कही किसी की कोई खुशी का ठिकाना नहीं था
यहा पास मेरे कोई खुशी का बहाना नहीं था।

गम था, नैन नम थे, और बरसात का मौसम था
सब था पास मेरे बस वो खुशी का जमाना नही था।

-


15 MAR AT 17:28

हम जिनसे गम साझा करते थे
बात करके जिनसे गम आधा करते थे।

वो ही मेरे गम का मखौल उड़ाने लगे
मेरे गम को और बढ़ाने लगे।

अपना माना था जिसे हमने
वो अपना बनाके बेगाना बनाने लगे।

भरोसा केवल उन पर ही नही टूटा
अब सारे इंसान ही धोखेबाज नजर आने लगे।

-


15 MAR AT 14:19

वो गम की रात जब भी याद आती है
सोचता हूं जब भी बड़ा रुलाती है।

दिल सिसक जाता है, आंसू नही रुकते
एक टीस सीने में रह रह के तूफान मचाती है।

गमों का बोझा हसी के पीछे छुपा के रखता हूं
कितना भी छुपा लूं दर्द हस के बाहर आ जाती है।

-


8 MAR AT 10:09

जब तक जिंदगी है जीना हराम है
कब्र में आराम ही आराम है।

-


Fetching Ravi Kant Quotes