चलो आज तुमसे इज़हार करता हूँ,
इश्क़ का यह पेहगाम पूरा करता हूँ...
चलो... आज तुमसे इज़हार करता हूँ,
इश्क़ का यह पेहगाम... पूरा करता हूँ...
खो सा जाता हो आज भी, जब भी तेरा नाम सुनता हूँ,
याद करता हूँ उन पलो को, तेरा दिदार करता हूँ...
साँसों को तेरी, आज भी महसूस करता हूँ,
बातों पे तेरे, आज भी हस्ता हूँ...
हसीं को तेरे, याद कर खुश हो जाता हूँ,
तेरी कमी देख, आज भी आखें नम करता हूँ...
खुश रहे तू सदा, येही दुआ करता हूँ,
गलती थी मेरी भी, कबूल करता हूँ...
ना जाने क्यों,
ना जाने क्यों, आज भी खुद को कोस्टा हूँ,
नाराजगी को तेरे, में स्वीकार करता हूँ...
चली गयी है तू दुर कही, सोच अफ़सोस करता हूँ,
पर आज भी तुझसे, बहुत प्यार करता हूँ...
चलो आज तुमसे इज़हार करता हूँ,
इश्क़ का यह पेहगाम पूरा करता हूँ...
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