दावें करना और करके दिखाना,
दोनों के अलग-अलग पर्याय हैं।-
तुम्हें मेरी डायरी पढनी थी...
लो अब मैं खुली किताब हूँ।
पीले जर्द पन्नो पर
काले अक्षर
वो मेरी पुरानी क़िताब,
बिना लिखे पोस्टकार्ड,
पास हुए इम्तेहानो के पर्चे,
फेल हुई मोहब्बत के चिट्ठे,
टूटी हुई ऐनक और
दम तोड़ती कुछ कलम...
एक छोटी सी टेबल पर
मेरी पूरी जिंदगी का बोझ है।-
यूं तो
फुर्ती पसंद
आदम हूं मैं..
मगर तुम्हारे साथ
सुस्त हो जाना
अच्छा लगता है।-