तब दोस्त बनाने के चक्कर में दुश्मन बन गए
अब दुश्मन ही सही दोस्त बनाने के दिन गए।-
उम्मीदें तोड़ के बैठे हम तकिए की टेक लगाए
सुकून अकेलेपन में मिला रिश्तों की मैय्यत सजाए।-
है बुत बने सभी की अब बात बनती नहीं
धुआं उठा हर जगह आग अब जलती नहीं।
कहा कहा सुलगाए अपनेपन के आग को
धुएं के अंधेरो में अब लौ भी सुलगती नहीं।
पहले वाली शाम नहीं चाय संग ढलती नहीं
न यार बैठे, बातें इधर उधर की चलती नहीं।
सर्दियों में पहले वाली गर्म रात मिलती नहीं
अपने की बाह में अब सांसे तेज चलती नहीं।-
गम के अंधेरों में इतना रहे कि
खुशी की सुबह चुभने लगी
आंखों को यकीन न हुआ
ये खुशी किधर से झांकने लगी।
गम के अंधेरे ओढ़ के पड़े थे कबसे
उम्मीद तोड़ के लड़ पड़े थे सबसे।
कौन कैसे कब ये क्या माजरा हुआ
जो खुशी की सुनहरी धूप का आसरा हुआ।
गम से बैर भी न रहा था
गम जो हमसफर बन गया था।
खुशी की उम्मीद कैसी
जब वीराना दिल
गम का शहर बन गया था।
एक लौ उठी कही से
एक चिंगारी उम्मीद की
थोड़ी सी फुक मारी हमने बेउमीद सी
जल उठा लौ सर्द रातों में
बेचैन दिल को मरहम मिला
उन नाउम्मीद हालातों में।-
तराज़ू पे तौला तेरी बेवफाई को
लेके जान न झूठ की दुहाई दो।
उजाड़ के हसीन दिल के घरौंदे को
रहम करो न अब झूठी सफाई दो।-
गम के प्याले बहुत पिए,
पल पल ये जिंदगी गम में जिए
खुशी की तलाश जारी रही,
गमों के किस्से दिल में लिए।-
मोहब्बत की कदर जिंदगी ने ना की
जिंदगी ऐसी की मोहब्बत मिली नहीं।
चिराग लेके कहा कहा नहीं ढूंढा तुझे
तू पड़ा था वहां जहां धूप खिली नहीं।-
In India, after a car accident, people compare the strength of the cars while the person inside would be dy**ng. Others would be filming the dy**ng person.
Rest would just look at it as if a show is going on. Indians are beyond pathetic. Even the harshest words would be mild for describing such Indians.
Yet the very same people would present themselves as godly people and patriots. The level of diabolism, shamelessness and hypocrisy has left the maximum level far behind. Even Satan would be shocked to see such inhumane humans. Kalyug has reached its peak.-