एक बात जिसके बाद बात ना हो
एक रात जिसके बाद सुबह ना हो
एक मंजिल जिसके बाद कोई मंजिल ना हो
एक वक्त जिसके बाद वक़्त ना हो
एक पल जिसके बाद अंत हो
एक घड़ी जिसमे कई यादे हो
एक लम्हा जो खुशियो से भरा हो
एक चेहरा जिसका आखिरी पल हो
एक साथ जिसमें सबका साथ हो
एक शाम जिसमे सबकी मुस्कुराहट हो
एक घर जिसमे सब साथ हो
एक पल जिसमे प्यार हो
ओर फिर
एक बात जिसके बाद बात ना हो
एक रात जिसके बाद सुबह ना हो
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टूट गया बिखर गया
जहाँ गया जिधर गया
आज देखा आईने में खुद को
तो पूछा आईने से की
ये जो दिखता है
वो किधर गया
जवाब दिया आईने ने
बिछड़ गया उझड गया
मेने देखा है बरसो पहले उस इंसान को
जो आज अपने दर्द में बिखर गया
छोड़ दिया जब सब ने उसे
तब से पता नही की
वो जिंदा है कि मर गया !!
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मैं कुछ बिखरा हुआ सा लड़का हूँ
पर मैं किसी के पैरों में चुभने वाला कांटा नही हूँ
बिन बताये किसी की खुशियों में नही जाता
पर मैं किसी के दुख में पिछे हटने वाला लड़का नही हूँ
हाँ मैं गुजरता हूँ अपनी खुसी की गलियों से रोज
पर मैं हर लड़की पे मरने वाला लड़का नही हूँ
मैं डूबता रहता हूं अपने गमो की गलियों में
पर मैं किसी के बुरे पे हंसने वाला लड़का नही हूँ
टूट जाता हूँ अक्सर अपने ही ख्यालो में
पर मैं किसी का सहारा लेने वाला लड़का नही हूँ
सब ने मौका देखकर छोड़ा है मुझे दोस्तो
पर मैं किसी को छोड़ने वाला लड़का नही हूँ
हाँ आज कल सबसे दूरिया बनाकर रखता हूँ
पर खुद की खुशियों में अकेले जाने वाला लड़का नही हूँ
उदास चेहरे पे खुसी का मुखोटा लगाए घूमता हूँ
मैं किसी के चेहरे पे उदासी लाने वाला लड़का नही हूँ !!
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Dil me najane kitni yaadien hai
Or na jaane unki kya keemat hai
Par itna to jarur hai dost
Jo yaadein tujhse judi hai
Wo beshak bahut kimati hai-
जब हम पहली बार मीले थे तो अनजान थे
दोनों ही थोड़े नासमझ थोड़े नादान थे
पता ही नही कब दोस्ती और दोस्ती का इतना प्यार हो गया
मानो एक जुनून सिर पे सवार हो गया
ये पहली बार था जब दोस्ती को हमने इतना जाना था
पहली बार किसी को बेहद अपना माना था
ये दोस्ती हमे प्यार से भी ज्यादा भीगा देती है
कभी चेहरे पे लाती बेहद हंसी
तो कभी हमें बेहद रुला देती है !-
लिखना कुछ नही आता हमे
बस ये शब्दो मे तुम ही तो हो
देखता हूँ तुम्हे
ओर तुम कागज में उतर जाती हो
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दुनिया की इस भीड़ में कही खो गया हूं मैं
हाँ
सही कहते हो सब
तुम सब वही हो पर बदल गया हूं मैं-
कभी कभी वो मुझे एक अहसास लगता है
कभी कभी वो मुझे अपना सबसे खास लगता है
कभी मानो तो पत्थर बन जाता है मेरे लिए
तो कभी कभी वो मुझे मेरा लिबास लगता है
कभी बहते है अश्क उसकी एक झलक को
तो कभी कभी वो मुझे मुझसे निराश लगता है
कभी चलता रहता हूँ मैं साये की तरह उसके साथ
तो कभी कभी वो मुझे दिल की झूठी आस लगता है-
देखकर चेहरा मेरा
बोल पड़ा आज मयखाने वाला
की जनाब
आप हमें फिर से अमीर करने आये है
या फिर किसी जख्म पे मरहम लगाकर
खुद को बर्बाद करने !!-