जाते जाते जरा सा तो आँसू गिरा देते।
ना सुनाते दिल के दस्तूर जरा सा बोल देते।।
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चाय भी पीनी छोड़ी थी हमने कभी किसी के लिए,
जो आज हमें छोड़ कर जा चुका है-
कोई बंदिशें नही है अब पीने में,
क्योंकि अब कोई नहीं है सीने में।।
~रवि-
जरूरत नहीं
फ़िक्र हो तुम...
कर न पाऊं कहीं भी
वो जिक्र हो तुम.... ❤️-
बड़े गुमसुम से लग रहे हो,
अपनी दस्ता सुनाऊँ क्या।
और आज ये चाँद कुछ ज्यादा ही चमक रहा,
अपने मेहबूब को छत पे बुलाऊँ क्या।।-
मोहब्बत हो मेरी कोई तमाशा नहीं,
कि हर कोई तुझे देखे और मुझे अच्छा भी लगे।😡
~रवि
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हुए बदनाम फिर भी सुधर न पाए हम,
फिर वही इश्क़
फिर वही शराब ,
फिर वही तुम,
ऐसे कब तक जिएंगे हम।।
~रवि-
रोया करती रहती थी जो मेरे बाहों में कभी
आज गैरो के साथ उसे मुस्कुराते देखा है ।।-
तुम वो चाँद जिसे में पा नही सकता
पर तुझे देखे बिना रह नही सकता।
तुझे दूर से चाहना मंजूर है मुझे,
मेरे इस इबादत पर गुरुर है मुझे।
तुझे अपने लब्जों में छुपा के रखूंगा,
तुझे अपने शायरी में बसा के रखूंगा।-
तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी ख़ामोशी है,
और तुम मेरे बोलने के इन्तेज़ार में हो।।-