लोरी बिना नींद आती नही थी जिसे
मेरे आगे पीछे ही रहना था सदा उसे
कंधे पे चढ़ाके हरदम घुमाता मै जिसे
कंधे से कंधा मिलाके खडी है आज कैसे
बडी जितनी चाहे तू होजाये मगर
रहेगी मेरी नन्ही परी ही जीवन भर
तारों से जैसे चमक उठता है अंबर
तेरे होने से ही है स्वर्ग हमारा ये घर
बेटी की जगह दिल में कितनी है खास
उसके लिए ही जैसे बना है हर एहसास
वो हंसदे तो ज़िंदगी मे घुलजाये मिठास
उसके नाम जैसे लिखी हो मेरी हर सांस
आंखें न हो कभी तुम्हारे नम
छुए नहीं तुझे कभी कोई गम
रहे तू बस सदा खुशियों में गुम
यही दुआ बस सदा करते हैं हम
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