Ravi Anand   (Ravi Anand)
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Joined 25 March 2017


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Joined 25 March 2017
9 FEB 2022 AT 1:13

Love doesn't wait for a Propose Day.
True love is not told, but expressed.

प्यार किसी प्रपोज डे का इंतज़ार नहीं
करता है। सच्चा प्यार बताया नहीं,
बल्कि जताया जाता है।

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22 JAN 2022 AT 22:06

नाम रूप लीला गुण गान सदा गाओ
साधना का लक्ष्य परम आतुरता बढ़ाओ
पीड़ा ऐसी जो जी को हो ना सहन
मिलन की तड़प ही तारे आवागमन
व्याकुल कामी ज्यों कामिनी हेतु
भटके संतति हेतु जैसे विकल मातु
वैसी ही छटपटाहट अंदर लाओ
तैसे ही झटपट श्यामसुंदर पाओ
मोह माया काम तृष्णा निःसंदेह पालो
चित्त राम कृष्ण में निःसंशय लगा लो
दर्शन श्रवण घ्राण रस स्पर्श हरि की लालसा
मन मति का अनुराग ही दिव्य प्रेम दिलाता
विरह ताप से त्रिताप मिटा दो
भाव अश्रु से मानस मांज लो
तब ही कृपालु रवि घट में होते साकार
केवल भक्ति ज्योत हटाए सकल अंधकार

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21 JAN 2022 AT 1:36

हर एक पुराने दोस्त को खोने के साथ
मैं रवि अस्त हो जाता हूं
हर एक नए दोस्त को पाकर
नई रौशनी से जगमगाता हूँ

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21 JAN 2022 AT 0:59

किसी की ज़हरीली याद में हर पल
घुट घुट कर मरने से अच्छा होता है
किसी वायरस के संक्रमण से मर जाना

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14 FEB 2021 AT 17:08

अब कोई ख्वाहिश बाकी ना रहा
मन्नतें जब से जन्नतों के मालिक से करने लगा
अब दूरियां मजबूरियां लगती नहीं
रौनके मिली जो मालिक से दौलतनुमा

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18 JAN 2022 AT 21:52

मित्रवत व्यवहार से किसी भी सम्बन्ध की
सुंदरता और सार्थकता बढ़ जाती है।
प्रेम ही जीवन का उद्देश्य होना चाहिए।

Friendly behavior accrues the beauty
and substance of any Relationship.
Love should be the aim of life.

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18 JAN 2022 AT 21:08

व्यक्ति के कार्य और भावना उसके
ओहदे और सम्मान को निर्धारित करते हैं।
पद केवल थोड़े समय के लिए ही
प्रतिष्ठा का आधार हो सकता है।

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16 JAN 2022 AT 11:52

Heartbreak, Anxiety, Stress, Overthinking, Trauma, Tensions all can be cured.. except Toxic People. Leave them. Build yourself.

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13 JAN 2022 AT 0:28

तेरे सामने अब और नहीं खुलना चाहता हूं
यार मैं तुम्हें भूलना चाहता हूं
हद हो गई एक तरफ़ा इबादत की
मैं अब अपना ख़ुदा बदलना चाहता हूं
तुम्हारे लिए मैं गर पूरा हूं
तो तुम्हें भी मैं अधूरा नहीं चाहता हूं
बंँट रहा तेरा मन सरेआम बाज़ार में
दिल ओ दिमाग़ का कोना कोना पाक चाहता हूं
किसी ना-अहल को ख़ास बना कर दिल
टुकड़ा टुकड़ा करना नहीं चाहता हूं

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11 JAN 2022 AT 13:43

प्रेम भरा है अगाध ह्रदय में
प्रियतम हम कब मिल पाएंगे
दिल में उठती हूक मिलन की
तन कब मन से आलिंगन कर पाएंगे
मन की तड़प अब सहन नहीं होती
रोती दिन रैन नहीं चैन से सोती
नहीं सम्हाले जाए अब मुझसे
पिया दो प्रेम लो प्रेम ही मुझसे
तुम मेरे मैं तुम्हारी प्रीत हमारी सांची
तुम मैं मैं तुम हो जाएं
एक दूजे को पा कर हम
एक दूजे में खो जाएं

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