दर्द जब अपना हो ना तो अपनों के होने या ना होने का सही पता तो चलता है,
दर्द जब मन का हो तो महबूब का और जब तन का होता है तो हर एक अज़ीज का पता चलता है।
जिंदगी भर हर एक मुश्किल से जिसे दूर रखने की कोशिश में लगे रहे,
आज वह दिन है कि उन्होंने एक मुश्किल समझकर अच्छा समझा दिया है।
बचपन से लेकर आज तक किसी चीज की शिकायत ना की मैंने यह सच,
अब जो भी रह गया है मेरे साथ राहे सफर में वह मंजिल तक पहुंचता है यह तो उस पर निर्भर करता है।
वक्त इंसान को क्या से क्या बना दे यह वक्त पर उसके अपनों पर निर्भर करता है,
ख्याल रखो तुम से किसी का दिल ना दुखे कभी बेवजह उसके हित में अगर गुस्सा भी करो तो क्या फर्क पड़ता है।
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