Chalo kuchh Khwab likhta hu
Chalo kuchh Khwab likhta hu
kuchh purani yaden tere sath likhta hu
Matlabi jamane me bitaye huye
Sare pal tere sath likhta hu
Vo din aor vo purani raat likhta hu
Jhuthi mohbbat ki har vo teri meethi baat likhta hu
Ab gumrah ho chuke h ham teri Manjil se ham
Tumhari baato me hi Mai apna kirdaar likhta hu
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Ravendra Sagar
(Ravendra sagar)
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Joined 2 May 2020
11 JUN AT 13:42
28 MAY 2024 AT 14:28
हमसे नफ़रत करने वाले कमाल का हुनर रखते हैं
हमे देखना भी नही चाहते फिर भी नज़र रखते हैं-
28 OCT 2023 AT 21:11
मै अपने लफ्जो में ही उनकी हर बात लिख दू ,
जो अकड़ दिखते है मेरे आगे उन सब
कि एक बार में ही औकात लिख दू।-
4 SEP 2023 AT 13:00
ठोकर खाया हुआ दिल है साहब
भीड़ से भी ज्यादा तनहाई अच्छी लगती है।
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4 SEP 2023 AT 12:58
दर्द तो तब होता है
जब कोई अपना हमारी
हालत न समझ कर
हमे गलत समझते हैं।-
4 SEP 2023 AT 12:56
अकेला कर दिया है मुझे अपनों ने
समझ नही आता किस्मत बुरी है या मैं-
4 SEP 2023 AT 12:55
अगर मन उदास हो तो
एक काम किया करो
भीड़ से हटकर खुद को वक्त दिया करो।-
4 SEP 2023 AT 12:52
दिलों में खोट है
जुबान से प्यार करते हैं
ऐसे लोग दुनिया में
यही व्यापार करते हैं
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