किताबी मोहब्बत अच्छी थी उनसे हमारी
हमने उनसे मिल कर लिखना छोड़ दिया
पहले तन्हा रातों में आंखों में नमी अच्छी थी
उनसे जुदाई के डर ने रोना सिखा दिया
तक़दीर ने नही हे वो हमारे जानते थे हम
तकदीर से लड़ कर खुद को मजबूर बना लिया
दूर भागते रहे जिसकी मोहब्बत से हम
बेहद मोहब्बत कर के उनसे खुद का ये हाल बना लिया-
26 january my first cry
Desh premi
हे सब कुछ पाने की जिद मुझ मैं
मैं सब कुछ कर जाऊंगा
ना देगा साथ कोई मेरा फिर भी
मैं अकेला ही लड़ जाऊंगा
एक दिन मेहनत मेरी रंग लायेगी
मैं हिस्से में घर लाऊंगा
हे सब कुछ पाने कि जिद मुझ मैं
मैं सब कुछ कर जाऊंगा-
न जाने क्यों दिल में मेरे ये कैसा शोर है
बरसात हुई थी पहले भी अब क्यों नाच रहे मोर है
पहले से जानती हूं उसे क्यों लगे अब कोई और है
थी नाचती, मस्ताती, गाती रही मैं जिसके सामने
अब दिल क्यों पड़ गया उसके सामने कमजोर है
थम जाती हे अब सांसे सुनकर नाम उसका
ये दिल ने दिल से बांधी न जाने कैसी डोर है-
हा अब तकलीफ नहीं होती
आंखों में नींदों की कमी नहीं होती
खुद ही से कर ली इतनी मोहब्बत
अब किसी की कमी महसूस नहीं होती-
अनजान गलियों में भटकर शर्मिंदा हूं मैं
पंख कट गए हैं मेरे फिर भी परिंदा हूं मैं
हाथ थाम लिया वापस आकर उसने
कहां.........अभी जिंदा हूं मैं-
मेरी उम्मीदें तोड़कर
मुझे तन्हा छोड़ कर
फिर वापस आ गया वो
कहने ये कि गलती हो गई
मेरे होठों की मुस्कान छीन कर
दिखाकर उजाला अंधेरों में ढकेल कर
फिर वापस आ गया वो
कहने ये कि गलती हो गई
मेरे जिस्म को तार-तार कर
मेरी रूह से खिलवाड़ कर
फिर वापस आ गया वो
कहने ये कि गलती हो गई
ज़माने में मुझे बदनाम कर
अपने अकेलेपन से हार कर
फिर वापस आ गया वो
कहने ये की गलती हो गई
मुझ में मुझ ही को मार कर
क्या भूल जाऊं सब एक उसे स्वीकार कर?
फिर वापस आ गया वो
कहने ये की गलती हो गई
-
इश्क जरूरी है जिंदगी के लिए
लेकीन ये जरूरी तो नहीं कि वो जिंदगी भर आपके साथ रहे-
मेरा दिल देखकर उसने मुझसे मोहब्बत की थी
मैं शहर की थी ये सोच कर छोड़ भी दिया-
बीते दिनों की गलतियां गिनवा रहे हो
अब तो बेहद मोहब्बत करते हो ना मुझसे
फिर आज क्यों नज़रे चुरा रहे हो
तुम्हें पता है ना सफर बाकी है हमारा
छोटी-छोटी बातों पर ध्यान क्यों दे रहे हो
कमी लग रही हो मेहबूब में मोहब्बत कि
तो ठहर जाओ लम्हे साया क्यों कर रहे हो-