હસતું મન અને હસતું હદય
એ જ સાચી સંપત્તિ,
એના પર ઇન્કમટેક્સવાળાની રેડ
કયારેય નથી પડતી.-
આપતાં આવડે એ જ પ્રેમ કરી શકે.
પામતા આવડે એ જ પ્રેમમાં જીવી શકે.
પ્રેમમાં બધું જ આપી દીધા પછી પણ
આપવાનું બાકી રહી જાય છે.-
ऋषियों द्वारा दिया गया नाम - 'हिन्दु' । हिन्दु शब्द को अनेक विश्लेषकों ने विदेशियों द्वारा दिया गया कहा । इसके अर्थ को स्वार्थवश संकुचित कर संप्रदाय वाची बताने का प्रयास जारी है । जबकि वास्तव में यह नाम प्राचीन भारतीय ऋषियों द्वारा दिया गया है । बृहस्पति आगम के इस श्लोक को देखें -
हिमालयात् समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम् ।
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्तानं प्रचक्षते ।।
अर्थात् : हिमालय से प्रारंभ होकर इन्दु सरोवर (हिन्द महासागर) तक यह देव निर्मित देश हिन्दुस्तान कहलाता है । हिमालय के प्रथम अक्षर 'हि' एवं इन्दु का अंतिम अक्षर 'न्दु' इन दो अक्षरों को मिलाकर शब्द बना 'हिन्दु' और यह भू भाग हिन्दुस्तान कहलाया । अत: 'हिन्दु' यह शब्द हमारी राष्ट्रीयता है । ऋषियों ने इस देशवासियों को यह नाम दिया है - 'हिन्दु' ।।
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रत्नाकरधौतपदां
हिमालयकिरीटिनीम्।
ब्रह्मराजर्षि रत्नाढ्याम्,
वन्देभारतमातरम् ॥
अर्थात् :
जिनके पैर समुद्र द्वारा धोए जाते हैं और जो हिमालय से सुशोभित हैं । वह, जो कई ब्रह्मऋषियों और राजऋषियों एवं रत्नों भरा है । ऐसी मेरी भारत माता को अभिनन्दन ।।-