Raushan Mehra   (©मुसाफिर✍️)
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लो सफर शुरू हो गया...
🔱महाकाल भक्त🔱
Law Student
Patnaites..Bihar
Joined 5 January 2018


लो सफर शुरू हो गया...
🔱महाकाल भक्त🔱
Law Student
Patnaites..Bihar
Joined 5 January 2018
11 MAY AT 18:16

स्त्री सबको
पसंद है,
पर उसकी स्वतंत्रता
किसी को पसंद नहीं है।

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25 APR AT 20:43

राह जहाँ तक जाएगी,राहगीर वहां तक जाएगा।
तुम दरिया से क्या पूछ रहे हो, नीर कहा तक जाएगा?
खींच धनुष की डोर, और साध निशाना अपने मंजिल
का...

बाद में देखेंगे तीर कहाँ तक जाएगा।।


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26 MAR AT 15:08

खुद को इतना ही समर्पित करो जितना वो सम्भाल पाएं
आज के समय में किया गया निस्वार्थ प्रेम लोगों को छल ही लगता है..!!

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19 JAN AT 9:16

"शब्दों में उलझी है, गुत्थी है ll
रिश्तों को बांधे मेरी चुप्पी है ll

लड़-झगड़ कर आखिर क्या मिलेगा
जीवन मेल जोल है, न कि कुश्ती है ll

जब आंखों से देखा तो आंख खुली,
कि मरने पर सबकी खुली हुई मुट्ठी है ll

नफरतों को नजरंदाज कर देता है,
प्रेम सहनशील है या प्रेम में सुस्ती है ll

रिश्तों की किश्तों को ताउम्र भरते रहूंगा,
रिश्तों से मुक्ति मतलब जीवन से मुक्ति है ll"

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14 JAN AT 9:55

तिल का ताड़ बनाने वाली नही
तिल का लड्डू बनाने वाली ढूंढो😁

हैपी मकर संक्रांति ।

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9 JAN AT 13:42

फिसल कर वक्त के फर्श पर उम्र ढ़ल जाती है,
कई बार बिना जिए भी ज़िंदगी गुज़र जाती है।

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16 NOV 2024 AT 23:08

लहज़े में बदतमीज़ी और चेहरे पर नक़ाब लिए फिरते हैं,
जिनके खुद के खाते खराब हों वो मेरा हिसाब लिए फिरते हैं....

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13 NOV 2024 AT 13:27

मैं तमीज और लहजा आगे रखता हूं और
खुद को पीछे....
वो तब तक नहीं बदलता,
जब तक सामने वाले का तमीज और लहजा नहीं बदलता.!

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12 NOV 2024 AT 16:54

परिचय नया-नया है इसलिए अभी गुण ही देखे जाएँगे
कुछ समय व्यतीत तो होने दो फिर दोष तलाशे जाएँगे....

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5 NOV 2024 AT 10:42

श्रेष्ठता का बोध सिर्फ चू**यों को हो सकता है। इस सृष्टि में इंसान की हैसियत बालू के कण भर है, सम्भवतः इतने में यदि उसे किसी भी प्रकार का श्रेष्ठता का बोध हो तो उसे नितांत चू**या समझा जाए.....

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