Raunak Singh   (Raunak)
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Incredible world...! And I'm one of the craziest one...!
Insta I'd -raunaksingh9712
Joined 17 March 2018


Incredible world...! And I'm one of the craziest one...!
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Joined 17 March 2018
13 JAN 2022 AT 2:28



एक घड़ा साथ पानी का हम भर रहे होते
भर जाने पर फिर खाली होने का सब्र कर रहें होते

जारों की रात में कंबल आधी तुम्हारी आधी मेरी होती
कुछ ऐसा होता, अगर मैं मैं और तुम तुम ना हुए होते!!




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10 JAN 2022 AT 1:30

जब हों चांदनी शीतल की शोर
तब, खत लिखूंगा मैं तुम्हे हर रोज़

इसे पढ़ना हैं या हैं इसे जलाना अब ये तो तुम्हारी होगी सोच

कुछ सोचो तुम इस बारे में, जोभी सोचो वो होगा मंज़ूर
बस खत पढ़ो तो मुस्कुरा देना मुख अपना मोर उस चांद की ओर

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7 JAN 2022 AT 2:19

रुका हुआ हुं , अब सब्र नहीं होता
तुम ही बताओ , ये कैसे कब और क्यों होता

फसे थे हंभी और तुंभी इस मझधार में
हमारे उस बिछरण‌ का अब फिर से मिलन क्यों होता ।

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1 NOV 2021 AT 2:09

कुछ अजीब सी बातें कर गई थीं वो
मुझे गुमसुम सा हाेने पर मजबूर कर गई थीं वो

मुसाफ़िर थीं वो मेरे लिऐ मैं उसके लिऐ इस सफ़र में..
फ़िर भी , एक सुनेहरा सा याद छोर गई थी वो ।

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5 JUN 2021 AT 1:51

जो हकीकत हमे दुनियां ने दिखलाई
वो कभी किसी क़िताब ने ना सिखलाई ।

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1 JUN 2021 AT 1:30

इरादा तो था तुझे पाने का इस बार
मगर फिर से तुझे गवा बैठा

वक्त काफ़ी बर्बाद किया इन रातों में तेरी यादों में
ख़ुद का तो ना सही , मगर तेरा मुक्कदर सवार बैठा ।

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31 MAY 2021 AT 2:43

जाना चाहता हुं मैं इस क़दर उस ओर
जहा शांति हों खुबसूरती हों और ना मच रहा हो कोई शोर

ऐसी कोई मंज़िल हैं भी या नहीं, जरा बताना मुझको
खड़ा हुं बीच चौराहे पर, कहीं चुन ना लू कोई गलत सा मोर ।

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17 MAY 2021 AT 2:14

तेरी आंखों से गिरता ये आंसु क्यों हैं
तेरी होंठो से जा रहीं ये मुस्कुराहट क्यों हैं

ज़रा सिर ऊठा ,देख वो हैं तेरे साथ खड़ा
हिम्मत रख ऐ साथी, बेवजह तू परेशान क्यों हैं ।

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15 MAY 2021 AT 3:40

काटो से भरी इस दुनियां में
कोई गुलाब सा खिल जाता हैं

कीचड़ में भी पाँव पसार कर
कोई कमल सा बन जाता हैं

गुम हो जातें हैं लोग ख़ुद को तराशने में इस क़दर
मुंह फेर लेते हैं जब सच्चाई नज़र आ जाता हैं ।

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5 MAY 2021 AT 2:13

ख्वाबों में भी ख़ुद से उलझा हुआ हु मैं
आंखे खुलते ही हकीकत नज़र आ जाता हैं

कैसी रातें गुजर रही मेरी, क्या बताऊं
कमबख्त सवेरा भी अंधेरा कर जाता हैं..।

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