Ratnesh Sharma   (अल्फ़ाज़-ए-हयात✍️)
30 Followers · 19 Following

You can follow me on instagram @champ82995 let's connect 😉
Joined 14 April 2019


You can follow me on instagram @champ82995 let's connect 😉
Joined 14 April 2019
30 SEP 2021 AT 15:55

साथियों का शहर वीरान पड़ा,
अभी और साथ की चाहत है,
बातें यूँ तो हैं हज़ार हुई ,
अभी और बात की चाहत है,
सड़कों पर उदासी छायी है,
शामों मे अब वो बात नहीं,
है चाय की टपरी अब भी वहीँ,
ये अलग है की हम साथ नहीं,
वैसे तो अब भी हस्ते हैं,
पर मुस्कान में अब जज़्बात नहीं,
बातें तो अबभी होंगी ही,
पर वो मस्ती के हालात नहींं,
यूँ तो हैं गुज़ारे लम्हे कितने,
फिर भी मुलाक़ात की चाहत है।
बस रहेंगे हमसब जुड़े हुए,
बस इसी बात से राहत है।।

- रत्नेश शर्मा

-


24 AUG 2021 AT 19:11

Aaiye raaste ke anek mausam ka nazara dekhiye,
Bus me paav kaha or haath kaha kuch pta nhi,
Par ghar wapas jaane ki khushi ka fuhaara dekhiye,
Safar me hasiiniya kitni rangeeniya kitni ye btana mushkil ho shayad,
Par Aaiye is jeevan ke sangharsh ka aanand dubaara dekhiye.....

-


30 MAY 2021 AT 12:12

बेहेकते सितारों को चांदनी सी मिली हो तुम,
अंधेरे के साए में रोशनी सी मिली हो तुम,
चाहते तो भी तुम्हे नजरंदाज कैसे करते,
कैसे बताए की परेशान रूह को इश्क की रागिनी सी मिली हो तुम,
बीते लम्हों को याद करूं भी तो कैसे,
अतीत की कड़वाहट को जो चाशनी सी मिली हो तुम,
जीना आज में अब ज्यादा आसान सा लगता है ,
कैसे बताए कितना चोटिल थे ,
चोट के निशानों को मरहमी सी मिली हो तुम,
और रास्ता तो यूं था की प्यासे मर जाते,
पर रेगिस्तान की जलन को शबनमी सी मिली हो तुम।।
- रत्नेश शर्मा

-


12 MAY 2021 AT 9:59

अब जिंदगी बेखौफ ,बेधड़क और बादशाही चाहिए,
थक चुका है राही अकेले चलते चलते कोई हमराही चाहिए,
और सूख गए आंखों के अश्क रवानियां लिखते लिखते,
अब कुछ कहानियां लिखने के लिए कलम को स्याही चाहिए।।

- रतनेश शर्मा

-


11 APR 2021 AT 10:33

बता दूं इश्क़ का किस्सा ,
तो तुम भी टूट जाओगे,
जो देखोगे खुदको मुड़ कर,
तो खुदसे रूठ जाओगे।
सोचोगे कई किस्से कि
क्या से क्या हो गए हो,
दिल्लगी अगर दागी निकली,
तो खुदको लूट जाओगे,
समझ न आएगा कुछ भी ,
अश्क आंखों में करेंगे घर,
बिखर जाओगे इस कदर।
देखोगे कभी मुड़कर ,
तो ग़ालिब बहुत पछताओगे ।।
- रत्नेश शर्मा

-


4 APR 2021 AT 9:53

ज़िंदगी के रास्तों पर भटकने वाले मुसाफिर
अक्सर अपना पता तलाशते हैं,
अक्सर प्यासे ही मर जाते हैं वो लोग,
जो औरों के लिए दरिया तलाशते हैं।
और जो लोग ज्यादातर गुमसुम बैठा करते हैं,
मजलिशों में वो जिंदगी का फलसफा तलाशते हैं।।

- रत्नेश शर्मा

-


15 MAR 2021 AT 1:07




वक्त कहीं बीता मेरा और दिन कहीं गुज़र गया,
जिम्मों की चादर तले मुझमें से मैं ही मर गया,
सिमटी आकांक्षाए मेरी और बढ़ सा है सबर गया,
खो गई हैं कुल उकसाहटें और मैं कहीं ठहर गया,
डरता था ठोकर से मैं और लो गमों से सिहर गया,
दिखाया जीवन को शहद था और दिया ज़हर गया,
बारिश की बूंदों से भी देखो जल ये सारा शहर गया,
वक्त कहीं बीता मेरा और दिन कही गुजर गया,
जिम्मों की चादर तले मुझमें से मैं ही मर गया।।
- रत्नेश शर्मा
@weird_hermit07


-


3 MAR 2021 AT 10:30

औरों को तो अपनी झूठी मुस्कान से,🤞😌
अपने बेहद खुश होने की तसल्ली दे रखी है,🙃
पर समझ ये नहीं आता की खुद का क्या करूं।। 😔
- रत्नेश शर्मा

-


17 FEB 2021 AT 14:14

तुम मेरे पास तो हो ही,
पर फिर भी मैंने तुम्हें खास बनाकर रखा है,
बेशक दूरियां हैं दर्मियां,
पर मैने तुम्हे एहसास बनाकर रखा है,
तलब कुछ यूं है कि मौत सामने खड़ी है,
पर मेरा इश्क़ तो देखो मैंने अब भी तुम्हे प्यास बनाकर रखा है।।
- रत्नेश शर्मा

-


14 FEB 2021 AT 22:00

The beautiful pages of wonderful lives,
Donot comes from exceptional places,
One needs to decorate every moment of his life,
By learning lessons from each event that happens,
And leading every moment to remarkable one........

- The Pure Soul

-


Fetching Ratnesh Sharma Quotes