अलग होना निश्चित ही था हमारा,
बिछड़ना भी तो तय ही था,
एक बार खुद को यह समझा भी लू,
शायद इसी बात का भय था,
तुमको कभी रोका ना था,
एक आस थी कि तुम थामे रहोगे,
समझाना तो मुझे ही खुद को है,
आखिर उसमे तुम क्या ही करोगे,
बस हाथ पकड़े रहना मेरा,
एक यही उम्मीद थी तुमसे,
धोका दिया तुमने मुझे यहां भी,
मेरा हाथ झटक कर फेंक दिया,
बस संभालना सीख ही रही थी,
सोचा था सब समेट लिया,
फिर से कोशिश करूँगी अब,
तुम्हे प्यार जो बहुत सारा किया,
मैंने पहले भी कहा था ना,
की तुमने मुझे फेक दिया ।
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