आज फिर से तुम्हारी बडी याद आई है,
माधव,
आज फिर मैने जमाने से ठोकर खाई है।।
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Writer nhi hu lekin intrest ki wajah se kuch likhne ki koshish krti hu..... read more
मिलता नहीं सौ मिन्नतों के बाद भी,
मिरा सनम भी यारों खुदा- सा है।।-
हर लम्हा तेरी याद का सहेजे रखता है मुझे,
वरना कब की बिखर गई होती
काँच की माफिक चकनाचूर होकर।।।।-
घर त्यागकर नहीं हो जाता कोई बुद्ध-सा,
जमाने में तो लाखों भटकते है बेघर हुए-
अगर माँ ना हो तो बेटी अपने पिता से कुछ नहीं कह पाती,लेकिन अगर पिता ना हो तो बेटी अपनी माँ से भी कुछ नहीं कह पाती।।।।
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मैं तेरी हो गई हूँ, मुझे हमदम बना के रख,
पूरी नहीं तो ना सही,कुछ कम बना के रख,
लगाया है दाँव खुद का इश्क-ए-बिसात पर
हकीकत नहीं तो ना सही
तुझे मेरी कसम, थोडा़ भरम बना के रख।।-
नजरें हैरान हो जाती है
देख के क्षितिज तक फैले
सन्नाटे,
तन्हाईंया,
खामोशियाँ,
सबसे बहतरीन कारीगर
तेरे कैनवास पर
ये सब
दाग लगते है।।।-
जाने कितने आँसू
कितनी तड़प
कितना दर्द
सुलगती चिताएँ
कुछ अरमानों की
छुपा कर चेहरे के पीछे
वो बैठी थी
सकुचाईं -सी,सिमटती,
खुद को सहेजे
थामें आँखों में समंदर विशाल,
तभी कहा किसी ने
"बधाईं हो,शादी हो गई तुम्हारी"
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श्याम को ढूँढ़त शाम को मैं पहुँची जमना तीर,
श्याम की बाट में शाम भी मानों बहा रही भी नीर!
मैने पूँछा शाम को नटखट श्याम देखो का होईं,
शाम बोली श्याम की विरह में,मैं भी देख श्याम सो होईं।।-
दिल, जिगर, जान, जहान...
संभालकर रखो हर वो चीज,
तुम्हें जो- जो भी प्यारी है!!
बिन मोल बिक जाओगें इस बाजार में..
सुना है, ये इश्क बडा़ व्यापारी है!!!-