Ratan Singh Champawat   (Ratan singh Champawat)
235 Followers · 126 Following

read more
Joined 27 May 2018


read more
Joined 27 May 2018
27 JAN 2022 AT 20:05

मेरी तिश्ऩगी ने चाहा था
महज़ एक श़बनमी क़तरा...
और तूने बख्श़ दिया
एक पूरा दरिया आग का....
ये तेरी फ़राख़दिली !!!!
मरहबा.....
मरहबा ....
— % &

-


25 JAN 2022 AT 20:58

हुई जब आज़माइश़ बेक़रारों की।
मिटा दी दूरियां दोनों किनारों की।
ज़ुनूं की आग का मत पूछिए आलम
सजा दी महफ़िलें कितनी सितारों की।— % &

-


24 JAN 2022 AT 21:27

नहीं डर अब चरागों को बुझाने से।
मिली है रोशनी खुद को जलाने से।
लहू में आग की जिसके रवानी है।
उसी के नाम पे सारी कहानी है— % &

-


15 JAN 2022 AT 19:10

मनवा सुन ले मौन हो,नीरवता का नाद।
जीवन से मिट जाएगा, अनचाहा अवसाद।

-


11 JAN 2022 AT 20:32

मुखोटे बन रहे मुकुट, सजा अनूठा स्वांग।
नित दिखता नेपथ्य में,अभिनय ऊटपटांग।

-


25 DEC 2021 AT 19:37

तुम उतरने दो खुद को
शाम के धुंधले अंधेरों में
मैं कब से जलाए बैठा हूं
एक कंदील एहसास की

-


16 DEC 2021 AT 21:03

जिंदगी कहीं मत जाना...
मिलता हूं एक छोटे से ब्रेक के बाद..

-


19 NOV 2021 AT 19:59

यह फ़रेब
रोश़नी का
‌‌

-


7 NOV 2021 AT 21:12

कि आप उन्हीं के मुताबिक चलें

-


6 NOV 2021 AT 20:52

Then leave yourself

-


Fetching Ratan Singh Champawat Quotes