मी अवखळ अल्लड लाट,
तू मला सावरणारा किनारा
तुझ्याविना हा आयुष्याचा डाव
वाटे मज अधुरा...
मी भावना ओथंबलेली
तू स्थिर गंभीर किनारा...
तुझ्याचभोवती घुटमळतो
माझ्या श्वासांचा पहारा...-
एकबार टूटकर...
फिर किसी और को ना देना
खुद संभालकर रखना
ताकी दुबारा कोई इस दिल को तोड ना सके...-
कोण म्हणतं की फक्त
मेल्यावरच स्वर्ग दिसतो...
मला मात्र तो रोज
आई तुझ्या हसऱ्या चेहऱ्यात दिसतो...-
वो वक्त...
जब तुम्हें मुझसे प्यार था...
आज तो तुम्हें वक्त भी नही है
और प्यार भी....-
आज हमारा इंतजार कर रहे थे...
फिर वक्त ने भी उनको जवाब दे दिया
हमारी खामोश धड़कनों की आवाज सुनाकर...
.
.
आज उनके पास वक्त है...
पर हम नही.....-
पर तुम्हारा वक्त चाहिये..
इस दिल को धड़कने के लिए
प्यार का एहसास चाहिये...
हो सके तो एक नजर
मेरी आँखों से मिला लेना...
थोड़ा कम भी चलेगा
पर थोड़ी देर वही ठहर जाना...-
कहते है ये वक्त
कभी ठहरता नही है...
फिर ये अपने बीच की दूरियाँ
क्यू नही मिटती....
ये जुदाई खत्म क्यू नही होती....-
आजकल लोग प्यार करते है...
खुशनसीब हूँ मैं जिसे ऐसा प्यार मिला
जिसका कोई हिसाब नही कर सकता....
-