मीलों का फ़ासला, उसके शहर का कठिन है रास्ता,
इत्मिनान से सोचा तो लगा, दिलों का मीलों से क्या वास्ता।
एक अरसा हुआ मिले, मन में न जाने कितने फूल खिले,
जब आएगा वह मिलने, पूछूँगी वजह क्या थी जो हम बिछड़े।
कुछ मजबूरियां, अनचाही परिस्थितियां, कह कर समझा लेता है मुझे,
कर लेती हूँ मैं भी यक़ीन, जिन लबों से कहता है वह मुझे।।
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