कुछ लोग
ऊंची दुकान फीके पकवान
कुछ दिवाने कुछ नादान
किसी की पड़ोसन में हैं जान
कोई बने बिन बुलाए मेहमान
बेठे हकुमत पर बनकर वो बेईमान
कोई वाह वाहीमे समझें अपनी शान
दुनिया के थपेड़ो से हम नहीं अनजान
शब्द हैं ताकत हमारी, वफ़ा बनी पहचान- Rashmi
10 JUL 2019 AT 14:50