Rashmi Shahi Sharma   (रश्मि)
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Joined 14 February 2019


Joined 14 February 2019
1 MAY AT 8:28

सहारे ढूंढने की आदत नहीं हमारी,
हम अकेले ही पूरी महफ़िल के बराबर हैं...

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29 APR AT 2:17

चाहतें कुछ इस क़दर भरमा गई
चाहते रहे...दूसरों की चाहत बनें,
दूसरों की चाहत में...खुद को ढूंढते रहे,
खुद को चाहा जब... हर चाहत शरमा गई...

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18 APR AT 11:54

जब तुम राधा होना चुनती हो,
तब प्रेम चुनती हो,
पर जब तुम मीरा होना चुनती हो ,
तब प्रेम तुम्हे चुनता है।।

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14 APR AT 10:55

अब जागती रातें हौले से सो जाती हैं,
दिन तो बस यूं ही फिसल जाती है....
खामोशी को दिन रात का भान नहीं रहा,
आवाजें अब कहीं दूर ही खो जाती हैं...

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12 APR AT 17:23

कैसे बताऊं के मेरा मसला.. तुम नहीं हो,
मेरा मसला ही ये है...
के तुम नहीं हो ....

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2 APR AT 1:33

अगर वो पूछ लें हमसे,
तुम्हें किस बात का गम है...
हमें किस बात का गम है...
अगर वो पूछ लें हमसे ....

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29 MAR AT 23:20

बोलती जो तस्वीरें
कहते हैं तस्वीरें बोलती हैं,
तो क्या...
आपने मुस्कुराती तस्वीरों के आंसू देख लिए,
या फिर...
मुहब्बत में छुपी उदासी ढूंढ ली,
कहीं...
थामे हाथों की दूरियां तो नहीं नाप ली,
या ...
खुशहाल रिश्तों की दरारें झांक ली ....

सच, अगर तस्वीरें बोलती तो जाने क्या क्या कहती,
अच्छा है... तस्वीरें खामोशी से हैं सब संभाले रखती ....

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8 MAR AT 9:49

आज बरबस बीती कुछ बात याद आई है,
मार्च का महीना लाई यादों की पूरवाई है...
वे कुछ ऐसे ही थे परीक्षा के दिन,
नहीं होती भाषा पर्यायवाची के बिन...
मेरी पुस्तिका देख शिक्षिका थी मुस्काई,
पूछी मुझसे, ये पर्यायवाची कहाँ से लाई...
औरत का पर्याय मैंने, लिखवाया था अबला...
परंतु तुम तो इस पर लिख आई हो...सबला...
मैं तो याद कर ही रही थी अबला...
पर मेरी माँ ने कहा.. नहीं औरत कोई बला...
मुस्कराते हुए बोलीं.. अदम्य है औरत में बल,
खुद पर विश्वास कर... तू हर तरह से है सबल...
जो तू खुद को ही अबला कहेगी...
किस तरह की सृष्टि तू गढ़ेगी...
औरत का अबला होना बीते दिनों की बात है,
तलवार समझ इसे जो कलम तुम्हारे हाथ है...
ये हर पल तुझे अबला होने से बचाएगी...
सदियों तुझसे सृष्टि ये नई रचवाएगी...

रश्मि...


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25 FEB AT 14:47

इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे...
इश्क वो है जो तुझे किसी और का होने न दे ।।

अमृता प्रीतम

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9 FEB AT 17:22

कभी मुहब्बत का आशियाना देखा है...
बड़े ही एहतियात से बसाए जाते है...
दर ओ दीवार अरमानों से सजाए जाते है...
और सबसे खूबसूरत होते हैं वो झरोखे...
जहां पहरों इंतजार में बिताए जाते हैं....

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