ओ कान्हा! ना काग़ज़, ना कलम, ना कोई किताब रखते हो
फिर भी कैसे तुम सारी दुनिया का बराबर से हिसाब रखते हो-
rashmi kaulwar
(Rashmi kaulwar)
2.4k Followers · 1.1k Following
माना लफ्जों की रानी हूं
पर अधूरी सी कहानी हूं
किसी के होठों के हंसी तो
किसी की आंखों का पानी... read more
पर अधूरी सी कहानी हूं
किसी के होठों के हंसी तो
किसी की आंखों का पानी... read more
Joined 23 December 2019
20 HOURS AGO
20 HOURS AGO
इंतज़ार उसी का करना..?
जिसे तुम्हारी फिक्र हो...
भावनाओं की कद्र हो...
प्यार के साथ सब्र हो...-
20 HOURS AGO
अगणित शब्दों से क्या लिख पाते है जीवन गाथा?
क्या ये शब्द बोल पाते है अनकही हृदय की व्यथा?-
6 JUN AT 23:48
अपना ली है दूरियां तुमने और हमने
अपने अपने तरीके से....
तुम बदल गए और हम संभल गये
अपने अपने तरीके से....-
5 JUN AT 8:36
किती कठीण व्यवहार या जीवनाचा
ना दुःख विकता येते,
ना सुख खरेदी करता येते .....-
4 JUN AT 17:59
क्या होता है मृत्यु और मोक्ष में अंतर ?
शरीर राख हो पर इच्छाएं शेष हो तो मृत्यु...
पर जीवन होकर वासनाएं निशेष हो तो मोक्ष...-