तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं,
गर्व इतना था आखों में के हम देर तक रोये नहीं||-
माँ के एक आंसू में समुंदर दिख जाते हैं,
एक कर्ज उतारने में जन्मो बिक जाते हैं,
और क्या कहूँ उस खुदा के रूप के बारे में,
के भूख लगने से पहले ही पराठे सिक जाते हैं||-
उम्र के हर पड़ाव पर हज़ारों परेशानियां होती हैं,
वो कंधे दुखते बहुत हैं जिनपर जिम्मेदारीयां होती हैं||-
भाई की लाडली है और है हर फिक्र से अनजान,
माँ का सपना और है पिता का अभिमान,
पर क्या जानते हैं आप इनकी कभी एक दायरे से बाहर उड़ान नहीं होती,
और जितना सोचते हैं आप, बेटीयों की जिंदगी इतनी भी आसान नहीं होती||
जन्म लेते ही मॉं इनकी शादी के लिए गहने जुटाने लगती है,
क्या सही है क्या गलत है हर वक़्त समझाने लगती है||
सुनो! इस जालिम दुनिया में तुम अपना ख्याल रखना,
दुनिया की सोच छोटी ही रहेगी तो तुम अपने कपड़ो की लम्बाई बड़ी रखना,
खुदकी ही जन्मी दुनिया में ये खुद ही महफूज़ नहीं होती,
और जितना सोचते हैं आप, बेटीयों की जिंदगी इतनी भी आसान नहीं होती||
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खुद पर बने चुटकुलों को जो चुपचाप सहते हैं,
ये वही है जिन्हें हम गुरु, मैडम, सर या टिचर कहते हैं||
ये वही है जिनकी क्लास में छुपकर टिफिन खाया करते थे,
होमवर्क तो घर पर छूट गया मैडम, ये बहाने बनाया करते थे||
ये वही है जो हर गलती पर तुम्हें टोक दिया करते थे,
जो गलतियां औरों ने की वो तुम्हें करने से रोक दिया करते थे||
ये वही है जिनके भरोसे मेरी माँ मुझे रोता छोड़ आई थी,
ये वही लोग है जिन्होंने जिवन की हर बात समझाई थी||
आज मैं जो कुछ भी हूं, ये सब उन्हीं की बदोलत है,
सर पर उनका आशिर्वाद मेरे जीवन की सबसे बड़ी दौलत है||-
सुरमा लगे किरकिरा, काजल सहा ना जाये,
जिन नैनों में श्याम बसे दूजा कौन समाय ||-
मुल्क, मोहब्बत, हौसला और झंडा थामे रहिये,
आँधियों का क्या है वो तो आती-जाती रहेंगी||-
हर रोज़ जाने कितनी ही नसीहत देते हैं,
पापा ये कहते हैं पापा वो कहते हैं,
कहते हैं के हमारी बात ध्यान से सुना करो,
हम तुम्हारे बाप है बेटा, तुम हमारे नाम से हो,
पूछने पर इतना कहना के जब दुनिया से उलझोगे,
जब तुम्हारे बच्चे होंगे ना तुम उस दिन समझोगे,
अब भी जब कोई लम्हा परेशानी के करीब लगे,
पापा कहते हैं वो करो जो दिल को ठीक लगे,
उनका दिल, उनके मिज़ाज की तरह सख्त नहीं है,
पापा कितना कुछ सिखाना चाहते है पर हमारे पास वक्त नहीं है,
बस याद रह जायेंगी बातें के पापा कितना कुछ सहते थे,
फिर अपने बच्चों को बतायेंगे के पापा ये कहते थे,
पापा वो कहते थे||
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ये नदियाँ, पहाड़, झरनों की सलाह लेकर चलना,
जहाँ चाय बेहतर मिलेगी तुम मुझे वहाँ लेकर चलना।।-
तू ही जिंदगी की हर शाम है, दिल के हर पन्ने पर सिर्फ तेरा नाम है।।
सही और गलत का फर्क बताती है, जिंदगी कैसे जियें ये तू बताती है।।
ख़्वाहिशों में सबसे पहले तेरा ही नाम है, तू मेरी जिंदगी तू ही जहान है।।
दूर रहकर भी लगता है कि तू मेरे करीब में है, ख़ुशनसीब हूँ क्योंकि तू मेरे नसीब में है।।
हर पल जो मेरा ज़िक्र करती है, एक माँ ही तो है जो मेरी फ़िक्र करती है।।-