Rashmi   (Vriसानवी)
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Joined 28 April 2020


Joined 28 April 2020
2 JAN AT 8:02





एक ठहरे हुए वक़्त की ख्वाहिश सी है
जहां बस एक तुम हो
जहां बस एक मैं रहूँ

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11 APR 2023 AT 10:23






मेरा दिल मेरी पाकीज्गी

तन की परतों को टटोलते रह जातें है
कुछ लोग मेरे दिल को बस भूल से जाते हैं

जिस्म की बारीकियों पे कसते है ताने
मन की सिलवटैं कोइ कैसे पहचानें
आँखों की तारीफ़ होती तो बहुत है
पर काजल में छुपी वो रोयी आँखें
देख ही नहीं पाते है
….कुछ लोग मेरे दिल को बस भूल से जाते हैं…..
कहते है हर चीज़ की क़ीमत होती है
हर ख़्वाहिश भी है बिकती यहाँ
हसरतों का गर आशियाँ बनाना है
बेचना पड़ेगा ज़मीर भी यहाँ
हंस दिये तो बस हाँ है जनाब
नज़रों की नाराज़गी पर कहाँ समझ पाँतें है
…..कुछ लोग मेरे दिल को बस भूल से जाते हैं…..
कभी अकेले में बैठना तुम
और तलाश लेना अपने माज़ी को ज़रूर
नहीं थी बड़ी हसरतें उसकी
उसकी पाकीज़गी ही थी बस उसका क़सूर
जिसेतुमने बस दो पल में चुन लिया
अपने सपनो में उसे बुन लिया
जो दुनिया उसकी कभी नहीं थी
जिसकी तमन्ना भी उसे थी नहीं
पर ख़ूबसूरती एक सज़ा है शायद
जो सब समज नहीं पाते हैं
….कुछ लोग मेरे दिल को बस भूल से जाते हैं….





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4 APR 2023 AT 15:47




महबूब की गली में
ग़र दिल ही दुखना है
तो वहाँ जाना क्यों है

जब वो था अपना
तब क़द्र नहीं की
अब जब वो बेगाना है
तो वहाँ जाना क्यों है

जब रो के बिखर रहा था वो
तो टूटने दे दिया था तुमने भी
अब बा मुश्किल ,वो समेट रहा है ख़ुद को
तो वहाँ जाना क्यों है

ना जाने कितनी बार
मनाया उसने ही था तुम्हें
ख़ुद के रूठ जाने पर भी
अब जानते हो तुम भी की वो मानेगा नहीं
तो वहाँ जाना क्यों है

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1 APR 2023 AT 20:37












क्या लिखूँ आप के लिए
की कुछ लफ़्ज़ रिश्ते नहीं समझते

रिश्तों के दायरे के बाहर खड़ी हूँ
ना कुछ सोंच रही हूँ
ना कुछ समज रही हूँ
ख़ुशनुमा एहसास है पर
इसे बस मैं
जी रही हूँ

शायद कुछ रिश्ते इस जन्म के नहीं होते
और कुछ इस जन्म के लिए भी नहीं होते
फिर भी जुड़े रहना चाहती हूँ आपसे
करना चाहती हूँ डेर सारी बातें
सुनना चाहती हूँ आपकी ढेरों खामोशिया
जिन लम्हों में आप आप बने
वो क़िस्से वो ढेरों कहानियाँ

पर अभी के लिए
देना चाहती हूँ ढेर सारी दुआएँ
उन आने वाले ख़ुशनुमा एहसासों के लिए
उन पलों के लिए , जिन्हें एक डब्बे में बंद किया होगा
जब ज़िंदगी ने किसी ओर ही तरफ़ दौड़ाया होगा
अब वो डिब्बे खोल लीजिए
उन लम्हों को जी भर के जी लीजिए
ख़ुशियों का नया गुल्लक बनाके
फिर से नये लम्हे बटोर लीजिए

जन्मदिन की ढेरों बधाइयाँ Sir 🙏🏻
😊😊😊😊😊😊😊😊










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27 NOV 2022 AT 11:36

When my brain minds it’s own business

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27 NOV 2022 AT 11:35

जो यादें तुम्हें ख़ुशी दे वो तुम्हारी
जो मुझे सुकून दे वो मेरी …..

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2 OCT 2022 AT 9:03





मुझे यह बोलती हुई खामोशियाँ पसंद है

उन्हें मेरे अलावा कोई सुन नही पाता
और वो मेरी कहानी किसी और को सुनाती भी नही

डर नही रहता आंसुओं के दिख जाने का
ना वो अनगिनत पर्दे गिर जाने का
जो हर ज़ख़्म के लिए नया सिलवाती रही हूँ मैं

यह ख़ामोशियाँ अक्सर समझाती है मुझे
की कभी कभी बोलना भी ज़रूरी है
दिल को यूँ हर पल बंद नही, बल्कि खोलना भी ज़रूरी है
पर फिर वक्त भी देती है मुझे
यह बात समझने का
और फिर नाराज़ भी नही होती
उन चंद दोस्तों की तरह
जिनकी प्यार भरी नाराज़गी मुझे यूँ देख नही पाती
पर क्या करूँ , शायद थोड़ा वक्त अभी और है
इन खामोशियों के साथ कुछ देर बैठने का
अपनी ज़िंदगी से चुप चाप रूबरू होने का ….

मुझे यह बोलती हुई खामोशियाँ पसंद है



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28 AUG 2022 AT 12:52


I stopped expecting the world around me to understand my emotions….

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27 AUG 2022 AT 13:02


रोशनी देता है …किसी अनदेखे एहसास के लिए
…. एक ज़रूरी सबक़ के लिए …..

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27 AUG 2022 AT 12:56


My love for Life gets extra push….to live …. Some more…. A lil more

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