Someone : मुझे नहीं जाना घर से दूर मुझे बस अब यही रहना है...
Me : यहां से जाना तो पड़ेगा...
इन गलियों में वापस आने के लिए यहां से गुजरना तो पड़ेगा...
कुछ सपने हैं तेरे जो बसे है उन चमकीली इमारतो में
उने पाने के लिए यहां से निकलना तो पड़ेगा,
इन गलियों में वापस आने के लिए यहां से गुजरना तो पड़ेगा...
कुछ ख्वाब देखे है तूने इस गलियों में उने सच करने के लिए तुझे कुछ दिन और इन्हीं गलियोंका सपना देखना तो पड़ेगा...
इन गलियों में वापस आने के लिए यहां से गुजरना तो पड़ेगा...-
Like to inspire others and also to inspire from others
लिखना तो है पर अब शब्द नहीं मिलते;
शायद किताबों ने मानो जैसा बोलना बंद किया हो,
सोचते तो बहोत हैं पर विचार प्रकट नही करते;
शायद इस दुनिया ने मानो हमें अनसुना किया हो,
शब्दों का हवा में मिलना और कुछ ज्यादा सोचना;
शायद हमें बता रहे हैं तू तेरी दुनिया बना
जहां किताबे बातें भी करे और कोरे कागज तेरी आवाज भी सुने...-
If you feel anger to the peak in public
then it's better to move somewhere else
instead of expressing it at wrong place.
When you express the anger in public
it will spoil someone's moment,
someone's silence, someone's opinion.
So it's better to move and
not to be reason for someone's something.-
Not the silence between people
But
Sometimes peace is chaos between people
(Chaos to the world and peace to the soul)-
If someone is not responding for first time then person may be busy but if it is happening frequently then one should understand that person is ignoring you.
-
I feel alone in a rush,
I am confused for no reason,
I feel stagnant and the world is flowing,
I want to speak a lot but still speechless.-
क्या जीना इसी का नाम है ...
जब तुम खुश हो कर ख़ुशियाँ मना सकते हो,
तो दुख के समय रो क्यों नहीं सकते
क्या जीना इसी का नाम है...
खुशी के वक्त सब साथ देते हैं
लेकिन दुख क्यों अकेले को सहना पड़ता है ,
क्यु हसते वक्त ये दुनिया गवाह होती है
लेकिन रोते वक्त सिर्फ तकिया ही काम आता है
क्या जीना इसी का नाम है ...
क्यों हमेशा हम उम्मीद के सहारा जीते हैं
क्यों सबको सिर्फ हार ही दिखाई देती है
लेकिन उस हर एक हार के पीछे इंसान भी टूटता है
क्यों वो टूटता इंसान सबको दिखाई नहीं देता
क्या जीना इसी का नाम है ...
एक बार खुशी पाने के लिए क्यों इतना रोना पडता है
और खुद को संबालकर दूसरे के सामने हसना पडता है
क्यू सब के साथ हो कर भी खुद को अकेला महसुस होता है
क्या जीना इसी का नाम है...
क्यों दूसरे के लिए जीते जीते इंसान खुद के लिए जीना भूल जाता है ,
कैसे एक पहाड़ जैसा महान इंसान कांच जैसा नाजुक हो जाता है
कैसे क्या ना सुन्ना और रोना एक आदत सा हो जाता है
क्या जीना इसी का नाम है ...
क्या जीना इसी का नाम है...
- रश्मी अकोले
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हमेशा एक दोस्त होना चाहिए
जो आपका मजाक भी उडाये और
आप जब शांत बैठते हो तो बिना बताए सब कुछ समझ जाए
एक दोस्त होना चाहिए
जो कभी खुद से ज्यादा आपकी फिक्र करे
कभी आप के साथ घूमने चले
हा एक दोस्त होना चाहिए
जो कभी आपको भी हसाये
जो समझ जाए आपको देख कर आप के मन में क्या हो रहा है
ऐसा दोस्त मिलना तो मुश्किल है
पर फिर भी एक ऐसा दोस्त होना चाहिए....-
एकमेव व्यक्ती जी खुप कष्ट करते केवळ आपल्या आनंदाकरीता
ती व्यक्ती म्हणजे बाबा,
अशी व्यक्ती जी नेहमी आपली काळजी घेते
ती व्यक्ती म्हणजे बाबा,
एक व्यक्ती जीला महित असते की ही लाडकी उद्या उडून जाणार तरी आपल्यावर निःस्वार्थ प्रेम करते
ती व्यक्ती म्हणजे बाबा,
एकमेव व्यक्ती जी कधीच आपल्या डोळयात अश्रु नाही बघू शकत
ती व्यक्ती म्हणजे बाबा,
प्रत्येकाच्या आयुष्यातील एक रंगीत पान म्हणजे बाबा...-