शुक्र है क़ि गैर....सीने में उतारते हैं खंज़र,अपनें तो अक्सर पीठ पर हीं वार करते हैं।'रश्मि' - rashmi abhaya ✍️
शुक्र है क़ि गैर....सीने में उतारते हैं खंज़र,अपनें तो अक्सर पीठ पर हीं वार करते हैं।'रश्मि'
- rashmi abhaya ✍️