अपने सारे ज़ख्मों को भरने के लायक़ हूं में
तुझे परखना था , सो तुझे आवाज़ दी थी मैंने-
खुमार ए जवानी का ऐसा चढ़ा मुझपर
हर ग़ैर शख़्स को महबूब बनाया मैंने
एक उम्र बीत जाने के बाद
तुम्हे खुद से जुदा करने के बाद
तुम्हारी बाहों की महक से खो जाने के बाद
ये जिंदगी अब सावन में भी पतझड़ नजर आने लगी है
मेरे हमराही की यादों में खोती जा रही है
में तन्हाइयों के बदल में खुद को सिमटता जा रहा हूं
उसकी तलाश में बारिश में भीगता जा रहा हूं
हर ग़ैर शख़्स में तुझे ढूंढता जा रहा हूं
किसी ओर में तुझे पाने की चाह में
तुम्हे खुद से दूर होता देख रहा हूँ ।।।-
हसरत ही रहे तो अच्छा है ग़ालिब
चांद हासिल हो जाए तो दाग दिखने लगते हैं...-
सबकी कहानी एक तरफ है
मेरा किस्सा एक तरफ
एक तरफ सेहराब है सारे
और में प्यासा एक तरफ
मैने अब तक जितने भी लोगों में खुद को बांटा है
बचपन से रखता आया हूं तेरा हिस्सा एक तरफ ...-
It's about who's stand in the rain with you
When they have choice to be dry ....-
किसलिए देखते हो आईना
तुम तो खुद से भी खूबसूरत हो ।
दास्तां खत्म होने वाली है
तुम मेरी आखिरी मुहब्बत हो ।।। John elia.-
ये इश्क ए मुहब्बत की रिवायत भी अजब है
पाना भी नहीं है उसे । खोना भी नहीं है ..
जिस शख़्स के खातिर तेरा ये हाल है मोहसिन
उसे तेरे मर जाने पे रोना भी नहीं है ....-
ढूंढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने मुमकिन है तुझे खराबो में मिलें ....-