अगर प्रेम समर्पण है तो हक जताना भी,
अगर जिद करना है तो समझना भी,
प्रेम निश्छल है कोई छलावा नही
प्रेम रूठ जाना है तो मानना भी
प्रेम आत्मा है इस दुनिया की
जिसे पा जाना पूर्णता भी है और शून्यता भी।।-
खुले आसमान से मोहब्बत
और रास्तों से दोस्ती रखती हूं
मंजिल का क्या है
रास्ता सही... read more
क्यों हर साल के अंतिम दिन हम सब इतने उत्साह से भरे होते है? और क्यों शुरुआत के 10-15 दिन तक ही ज्यादातर लोग अपने सोचे हुए कामों को ठीक से कर पाते है? ऐसा क्या हो जाता है थोड़े दिनों बाद जो हम वापस उसी एक चक्र में घूमते चले जा रहे है इतने सालों से? ऐसा नही है की सभी की कहानी यही होगी लेकिन ज्यादातर लोगों का हाल यही है, कम से कम मेरा तो है। इस बार इस बात का जवाब तलाशने के लिए बहुत सोचा फिर लगा की साल तो नया है लेकिन हम तो पुराने ही है ना कोई बीस साल कोई पचास साल पुराना और उतनी ही पुरानी उसकी आदतें। और इन आदतों को बदलना कितना मुश्किल है ये भी सब जानते ही होंगे, और यही मुख्य कारण है हमारे बस कुछ दिन के उत्साह के बाद वापस उसी रास्ते पर पहुंच जाने का, 'आदत' हमारे मन ने एक पैटर्न बना लिया है और वो हमेशा उसी तरीके से काम करने में खुद को सुरक्षित महसूस करता है। वो नया कुछ करना ही नही चाहता और जब उस मन की ना सुनकर हम वो करते है जो सही है तभी हम आगे बढ़ सकते हैं, अपनी आदतें बदल सकते है। तो जो भी करने का सोचा है सिर्फ इसलिए न सोचे की नया साल है बल्कि इसलिए सोचे की ये आपकी जिंदगी का अभी तक का बेहतरीन साल होना चाहिए, उसके लिए आपकी ईमानदार कोशिश से ज्यादा और कुछ नही लगेगा और यकीन मानिए जब 2025 में आप जा रहे होंगे तब आपको गर्व होगा खुद पर...
Happy new year everyone....💝-
ये लहराता तिरंगा प्रतीक है हमारे गौरवपूर्ण इतिहास का,
सूचक है हमारी आजादी और विश्वास का,
जैसे बता रहा हो आसमां को किस्सा हिंदुस्तान का
माताओं के त्याग का, पूतों के बलिदान का
आजादी की खातिर कितनों ने लहू बहाया,
कितने वीरों ने कुर्बानी देकर ये देश बचाया।।
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हर किसी ने सपना देखा होगा कामयाबी के शिखर तक जाने का
जिंदगी एक मौका भी जरूर देती है सबको, उन्हें हकीकत बनाने का।
मंजिल उनके हिस्से आती है जो उसे पाने में जी जान लगाते है
केवल सपने देखने वालो के हिस्से तो बस
अगर, मगर, और काश ही आते है....!!-
स्वीकार करना हारना नही होता, स्वीकार करने का मतलब है
की आप तैयार है इस दुनिया में कमल की तरह रहने के लिए,
आप तैयार है उन सारी परिस्थितियों के लिए
जिनसे रूबरू होने से कभी आप डरते थे
स्वीकारना सीखिए खुद को और इस दुनिया को,
क्योंकि यही रास्ता है आगे बढ़ने का...
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जिंदगी का नियम है बदलाव, जगह, लोग, हालात सब परिवर्तनशील है और आज की परिस्थित ही कल के बदलावों को दिशा देती है। कई बार मन हताश, उदाश या शांत हो जाता है उस दशा में भी खुद को समझिए टालिए मत अपनी स्थिति को, यकीन मानिए आप खुद को पहले से ज्यादा सक्षम और मजबूत होता हुआ पाएंगे। मैं आज अपने प्रत्येक क्षण को पूरी शिद्दत से जियूंगी क्योंकि कल आंख ना खुलने पर मलाल रहा तो क्या ज़बाब दूंगी उस ईश्वर को?
जो है जैसा है जीवन इसी क्षण में है इसे बेहतर तरीके से जीना ही उस परमपिता के प्रति आभार व्यक्त करने का तरीका होगा...तो अपने हर पल को बेहतरीन बनाइए जिसके लिए ईश्वर ने आपको रचा है।।-
जब तुम आगे बढ़ोगे तो कुछ पीछे छूट ही जायेगा,
लाख कोशिश करना सब समेटने की
लेकिन सब कुछ हमेशा साथ नही चल पाएगा,
ऐसा भी नहीं की आगे कुछ मिलेगा नही
और ऐसा भी नहीं है की जो मिलेगा वो हमेशा साथ रहेगा ही,
जिंदगी यूं ही तुम्हे सिखाती रहेगी जीना,
तुम बस खुद को थामे रखना हमेशा
तुम्हारे हर त्याग का परिणाम ही तुम्हे पूर्णता की ओर ले जाएगा...!!
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डर अपनों के दूर जाने का,
डर कुछ गलत हो जाने का,
किसी के छीन लिए जाने का,
किसी के पास न रह पाने का,
डर, नकार दिए जाने का
किसी को नापसंद आने का,
हम कितना डरते है न जिंदगी से,
और जब वो डर हमारे सामने आता है
हम वही रहते है, झेलते है हर परिस्थिति को,
देखते है जीतते हुए हर डर को,
और जब वो वक्त गुजर जाता है
तब समझ आता है की अपने ही मन के
भ्रम को सच मानकर हम लड़ते रहे खुद से
खुद को बचाने की कोशिश में
जिसकी असल में जरूरत ही नही थी कभी।।
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भयभीत वही, जो जानता है भय की परिभाषा,
जिसे पता ही नही दुख क्या है, वो क्या समझे क्यों बहती है अश्रु धारा
जो जान गया कठिनाई को उसे कठिन लगा हर रास्ता
जिसने सरलता को जाना उसने हर मंजिल को सरल ही पाया
जो प्रेम को जाना वो प्रेम बांटने निकल गया
जिसने नफरत को जान लिया वो खुद ही खुद में सिमट गया
जिसने सत्य को पहचाना वो ही बंधन से मुक्त हुआ
जो चमक को ही सच मानता रहा वो रह गया इस संसार में फसा...-
तूफान में उजड़े बागों से की जाती है अक्सर बंजर हो जाने की उम्मीदें
जो फिर से गुलस्तान बसे तो लोगो की हैरानी लाजमी है
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