rao divya   (Raodivya✍️)
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An ambivert haryanvi 🤘
Occasional yqian
Joined 4 March 2019


An ambivert haryanvi 🤘
Occasional yqian
Joined 4 March 2019
26 JAN 2022 AT 23:55

वक्त तो काफी था हमारे पास , शायद लम्हे कम थे,
क्योंकि,उस रिश्ते में तुम नहीं, सिर्फ अकेले हम थे।

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1 NOV 2021 AT 20:45

दुनिया जहान की बात करनी स तेरे त,
पर समझ कोणी आवे शुरुआत कड़े त करू।

तू किसे बात त कदी रूस जा,
मैं बस इसे बात त डरू।

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22 OCT 2021 AT 9:46

शिकायतों का बोरा था,पर छोरा वो कोरा था,
बात बाता में अपना रूप ओह निखार गया,
देख की उसका मासूम चेहरा, दिल भी पिघल गया मेरा,
शांतियो का पहरा था , सामने उसका चेहरा था,
मासूमियत उसकी सब बोल गई, शिकायत थी क्या मुझे, मैं वही भूल गई,
फेर हवा का इसा झोका आया, संग में अपने रंग होर ही लाया,
हाथ में उसका हाथ था, GTB Road का साथ था,
पैदल चली टोली म्हारी,ना लेके हम कोई कार गए,
बेरा नी के जादू था उसकी बातों मैं,
दुख अपने सारे हम नकार गए।

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5 AUG 2021 AT 13:15

म्हा सुने है के,
क्यों का जवाब त कोणी
पर जरूरत है तेरी,
सामण भी आगया,
इब तू भू आजा।

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4 AUG 2021 AT 16:40

एक बात है, जो बिन बात है,
ये बात उसको समझानी हैं,
जिनसे अब होती नही बात है,
और जो वो समझ जाए की क्या बात है,
तो फिर क्या ही बात है!

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29 JUN 2021 AT 9:19

मैं कहया करदी न के जिस दिन मैं नाराज़ होगी,
वो दिन अपना बात का आख़िरी दिन हवेगा,
अर जान दुगना प्यार आगया इब त तेरे पे क्यूंकि
मने नि बेरा था के तू इतना कसूता उम्मीद पे खड़ा उतरेगा।

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28 JUN 2021 AT 10:23

के बताऊ इब त मैं डरण लाग गी,
बेरा है, खुद त ही दूर भागण लाग गी।
जो कोणी धोरे उसने खोण त दिल डरे जा है।
अर तेरे झूठे अपणेपण का चा मेरे चढ़े जा हैं।
ना तू मेरा कदी होया, अर ना इस जनम में होवेगा,
अर सुण!! उरे नी गोर कर एक राज की बात बताओ,
यो बावला मण तेरे खातर रोया, अर बस तने ए रोवेगा।
अर तू डरिए ना, के किसे होर प मरण लाग गी,
क्यूंकि इब त में खुद त ही दूर भागण लाग गी,
के बताऊं इब त मैं, हर अपणेपण आले त डरण लाग गी।

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27 JUN 2021 AT 14:32

If God is not answering to you
Remember....
Teacher doesn't speak during test.

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12 JUN 2021 AT 12:40

म्हा चाल आज सुण ले ने तू मन की ,
मैं त हों ली तेरी ही, कद की,
म्हा समाज में रहणा ,जब हू थोडी ठबकी,
म्हा परवाह भी कोणी मने जग की,
पर जबरदस्ती भी कोणी गेल तेरे मन की,
तेरी हा में हा रहवेघी, पर प्यार में मिलावट,
कोणी सहन होवेघी, ज हो किमी मन में तेरे,
तो सुन, सांझ लग घर आ जिए मेरे,
घर के माने त जान है तू मेरी,ना त भूल जिए
या आख़िरी राम राम होगी फेर गेल तेरी।

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12 JUN 2021 AT 12:23

म्हारा के ह हम त फेर भी जी ल्यांगे,
होके पास फेर भी दूर रह ल्यांगें,
म्हा रोणा नहीं आनदा इब,
घूट सबर का पी ल्यागै,
अर् सुण! तू खुश रहणा चीहै,
म्हारा के ह,हम त फेर भी जी ल्यांगे।

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