मतलबी रिश्तों का कड़वा सच----
हर रिश्ते के टूटने के पीछे कोई मंथरा जैसी रिश्तेदार आज भी इस दुनिया मे वयाप्त है।
दिखावे की ज़िंदगी में चिकनी चुपड़ी बातों से, फितरत का पता नही चलता....
अंदर क्या है बाहर क्या है, इसका पता नही चलता....
जब बुरे हो हालात तब अपना कौन पराया कौन साथ रहता है कौन छोड़ के जाता है इसका पता चलता है....
जो मीठेपन का लेप चढ़ा कर प्यारी बातें करते है,
वो अपना मंथरा वाली रंग कब दिखादें, इसका पता नही चलता....- रणविजय सावर्ण "मिश्रा"
21 SEP 2019 AT 17:46