मित्राणि धन धान्यानि प्रजानां सम्मतानिव ।
जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥
काले वर्षतु पर्जन्यः पृथिवी सस्यशालिनी ।
देशोऽयं क्षोभरहितो ब्राह्मणाः सन्तु निर्भयाः॥-
जब तक अंतिम सांस धरा का वंदन हो,इस माटी की रज मस्तक का चन्दन हो...!
जब तक शेष रहे शोणित प्राण मेरे तन में ,भारत मेरी धरती, धर्म सनातन हो...!!
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इस दुनिया में सारा जमाना एक तरफ
और सिर पर रखा बाप का हाथ एक तरफ-
अच्छा लगता है हर रात, तेरे बातों ख्यालों में खो जाना..
जैसे दूर होकर तुम्हें सोचकर भी तेरी बाहों में सो जाना..-
इस ज़िंदगी में सुनी गई कड़वी बातें, बिखरे हुए रिश्तें, और टूटा हुआ मन को फिर से समेटना नया शुरुवात करना सबसे मुश्किल काम है।
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राधाकृष्ण को याद कर इस वैलेंटाइन डे पर मॉडर्न जोड़ियां खुद से एक गिफ्ट देना....!
बात अगर कपड़े उतारने बेशर्मी पर आए तो इस पावन मोहब्बत को करना छोड़ देना....!!
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कभी कभी जो ज़िंदगी हमे नए सफ़र पे ले जाती है, उसे स्वीकार कर लेना चाहिए।— % &
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माँ के पेट से मरघट तक जाने का हिसाब क़िताब ही ज़िंदगी का सफ़र कहलाता है।— % &
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जिंदगी के बीते हुए पल याद आते हैं तो फिर टूट कर याद आते है..!
कुछ गुजरे हुए लम्हें,कुछ बिछड़े, तो कुछ बदले हुए लोग बहुत याद आते है....!!— % &-
जब मोहब्बत बेहिसाब हो तो दिल के जख्मों का हिसाब क्या करना है....!
इश्क़ कहता है मारा जाएगा दिल कहता है देखा जाएगा क्या करना है....!!— % &-