कहानियों मे से कुछ किस्से निकाल रही हूँ....
ज़िन्दगी से ज़िन्दगी के कुछ हिस्से निकाल रही हूँ
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Ranu Saklecha
(Ranu)
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हम तुझमे यूँ सिफ़र(zero) हुए जाते हैं
कभी घटाए जाते हैं , कभी बढ़ाये जाते हैं ...
#RANU_SAKLE... read more
कभी घटाए जाते हैं , कभी बढ़ाये जाते हैं ...
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Joined 2 May 2018
17 SEP 2022 AT 20:19
8 AUG 2022 AT 11:16
सब्ज़ है तेरी यादों की किलकारियां अभी ,
अभी मौसम बहार का है , सदा ना दे ....-
8 AUG 2022 AT 11:14
ये तौफ़ीक़ है तुझे , तू गुनहगार नही होता
बा-वफ़ा हो न हो , बेज़ार नही होता.....
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7 AUG 2022 AT 11:12
ये इस्तिफ़ादा(profit) मेरी जान तुमसे मिला है
ज़िन्दगी में ज़िन्दगी जैसा एक सिलसिला है .......
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5 AUG 2022 AT 0:23
कोंन कहता है महोब्बत मुकम्मल नही होती
तेरा आना , ठहरना , और चले जाना दास्ताँ तो पूरी है ....
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1 AUG 2022 AT 15:30
ख्याल है , सवाल है , जवाल है , बवाल है.....?
तेरी आरज़ू है , आरज़ू है आरज़ू है ,कमाल है.....
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23 JUL 2022 AT 10:42
अज़्म-ए-सफ़र(determination to travel) से जुड़ मेरे साथ
वरना तू किनारा कर ले
ये सफ़र रायगां ही सही
एक दूजे को सहारा कर लें......
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