शिक़ायत करने को... सारी उम्र है बाक़ी...
सुकून से जीने को... ये लम्हा हीं है काफ़ी...-
Passionate writer
My first solo book 'जज़्बात' https://www.amazon.in/dp/B0... read more
आओ साथ बैठें ज़रा...
गलतफहमियों को दूर कर लें हम...
आओ पास बैठें ज़रा...
फासलों को दूर कर लें हम...
हांथ थाम कर देखो तो ज़रा...
तन्हाई को महफ़िल में बदल दे हम...-
ख़्वाबों में जीना छोड़ कर
हक़ीक़त को कभी अपना कर देखो
तक़दीर से लड़ना छोड़ कर
किस्मत को कभी आज़मा कर देखो
साहिल का किनारा छोड़ कर
कश्ती को आशियाना बना कर देखो
गिले शिकवे भुला कर
अपनों को दिल में बसा कर देखो
ये ज़िंदगी जन्नत हो जाएगी
ज़िंदगी को गले से लगा कर देखो-
अपनों से कोई उम्मीद नहीं
औरों से कोई शिकायत भी नहीं
मुस्कुरा कर मिलना सीख लिया
हां हमने जीना सीख लिया
ग़म की कोई आहट भी नहीं
अश्कों की कोई ख़बर भी नहीं
दर्द को यूं छुपा कर कहीं
खुश रहना हमने सीख लिया
ख्वाहिशों की गिनती ना कोई
ख़्वाबों की ना ताबीर कोई
इस लम्हे को अपना हीं लिया
हां हमने जीना सीख लिया-
ज़हर को पीना... किसने सीखा है...
ज़ख्मों को जीना... किसने सीखा है...
ज़िंदगी गुज़र गई... अश्कों में कहीं...
टूटे रिश्ते को सीना... किसने सीखा है...-
झूठा हीं सही... वो ख़्वाब तो जीने दो
ज़हर हीं सही... वो जाम तो पीने दो
जी लेंगे ज़िंदगी... उस एक लम्हे के लिए
वहम हीं सही... क्यों ना जन्नत की हक़ीक़त हो-
जीवन के इस सफ़र में... अकेले ही चल पड़े हैं
हमराही किसे बनाए... जब राहें सबकी अलग हैं
अपने ज़ख्मों को हम... ख़ुद ही भरने चले हैं
हमदर्द किसे बनाए... जब ज़ख्म सबके अलग हैं
तूफानों से लड़ने... हम अकेले ही खड़े हैं
अब हमें कौन बचाए... जो ख़ुद तूफानों से घिरे हैं-
तन्हाइयों की महफ़िल में...
हमसफ़र ढूंढने चले हैं...
परछाई से बढ़ कर...
हमसफ़र कोई नहीं है...-
ए ख़ुदा... ज़रा पंख दिला दे
आसमान में उड़ान... ख़ुद हीं भर लेंगे
जीने का वो... उमंग दिला दे
तूफ़ान का सामना... ख़ुद हीं कर लेंगे
क्या सही क्या ग़लत... वो बता दे
अपनी हदों को... ख़ुद हीं तय कर लेंगे
अपनों की... पहचान करा दे
ज़ख्मों को... ख़ुद हीं भर लेंगे
ज़िंदगी की... हक़ीक़त दिखा दे
ख़्वाबों से... रिश्ता ख़ुद हीं तोड़ देंगे
जाना है कहां... बस ये बता दे
मंज़िल का सफ़र... खुद हीं तय कर लेंगे-
हम तो शमा बन कर...
जल जाने को तैयार बैठे थे...
मगर ये कमबख़्त बारिश...
वो ख़्वाहिश भी अधूरी रह गई...-