मेरा फ़ोन घायल हो गया है, जब तक स्वस्थ होकर वापस नही आ जाता तबतक कोई मैसेज या कॉल नही देख पाऊँगी मैं। सूचना जनहित में जारी ☺️
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ये कौन सी दुनिया है...
ये कैसे नज़ारे हैं...
दिल कह उठा है बरबस...
हम सिर्फ तुम्हारे हैं...-
जीवन एक समुद्र है गहरा
जिसमे सौ मझधार
जिसने मन मे राम बसाया
वो ही निकला पार-
सर्द मौसम में
न जम जाए लहू के कतरे
गुनगुनाहट ज़रा रिश्तों में
बनाये रखना
शब्द/ चित्र © रंजना डीन-
धुंध के पार...
कोई रास्ता मिलेगा ज़रूर,
कदम थमें नही...
इतनी सी शर्त होगी बस.-
उसने दिल के धड़कने का सबब पूछा ही नही...
जिसको देखे बिना साँसे भी थम सी जाती हैं...
सर्दियाँ आईं हैं, खुश्की बढ़ी है हर तरफ...
फिर ये पलकें क्यों बिना बात नमी पाती हैं...
©रंजना डीन-
काश सारे रिश्ते
ब्लोटिंग पेपर की तरह होते...
सारे ज़ख्मों को सोख लेते
और कोई दाग भी न छोड़ते-
दर्द कहीं गहरा सा है
यादों का पहरा सा है
गुज़र चुका है वो लम्हा
फिर भी ठहरा ठहरा है
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अँधेरों के बिना उजालों का क्या वजूद...
रात न हो तो दिन की क्या अहमियत...-