दिल की धड़कनों को उखड़ते देखा है
आज मैंने उसे मेरे लिए रब से लड़ते देखा है
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अपनी आन के लिए जो सबसे लड़ जाए
अपने वचन के खातिर सर कटवाए औ... read more
रुकी चली थकी जिन्दगी
दो राह पर आ खडी
देखे पुछे किससे
ये राह कहा जा मिले
मीलों के सफर में
अनजाने कई मिले
कौन सच कहे
ये राह तेरी मंजिल को मिले
असमंजस के भंवर में
फंसी हुई जिन्दगी
अब कब कहाँ किस
मोड जा मुड़े..-
चाय का चस्का हो उसपर दोस्ती का मस्का हो..
शायरी के स्नैक्स हो ओर दिमाग मे फ्लैशबैकस हो..
तो बस फिर आपकी शाम_ए_गुलजार है ... .. .-
रुकी हुई जिन्दगी को हवा दो,
जो पास नहीं उसके लिए क्यो खुद को सजा दो।
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क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती हैं,
फिर भी
पानी मे पत्थर डाल हलचल ना होने की उम्मीद करते है सभी।-
अपनो को बेहाल देखकर!
थम सी गयी नजरें,
कठपुतली सा इन्सान देखकर !
उम्मीद का आँचल छुटा हैं,
काल का रौद्र अवतार देखकर !
फिर भी निर्मोही बन रहे प्रभू
अपनी बनाई सृष्टि में भूचाल देखकर!-
छोडा हो हाथ मेरा कभी, मुझको वो याद नही।
केसे कह दू माँ, आप हर पल मेरे साथ नही।
दूर हो या पास, मेरे लिए हमेशा खडी नजर आती हो।
मेरे कहने से पहले, चेहरा देख सब समझ जाती हो।
क्या सही और क्या गलत, ये अंतर आपसे जाना हैं।
जीवन के हर रूप को, आपकी नजरो से पहचाना हैं।
जो हैं उससे, चौगुना आपसे पाया है।
हर सपनें को जीना माँ, आपने ही तो सीखाया हैं।
कोई एक दिन नही, पूरी दुनिया हो आप माँ।
आप बिन जीवन मे, कुछ भी नहीं है खास माँ।
आप को बयाँ कर सकूँ, इतनी तो मैं काबिल नही।
भला कोई साँसो की अहमियत को केसे बयाँ करें !
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