उस के प्रेम की खुश्बू से
महमहाता है जहन सारा...
नजर से दूर होकर भी
वो अहसासो में बसता है !
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मेरे कोट मेरी लेखनी मेरे उपन्यासों के चरित्रों के इर्द ग... read more
सुनो जाना...
हमने बहका सा
महका सा
छलका छलका सा
मेरे लिए
इश्क देखा है,
आंखों में तुम्हारी..
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बहुत कम लोग निस्वार्थ सेवा का व्रत पूरा करते हैं फल की कामना किए बगैर...हर भावना से ऊपर उठ के...कोशिश करें कि वही करते रहें,एक एक कर्म हमारा ईश्वर की गिनती और नजर में है..
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इस अदा से जो
मेरा नाम पुकारा है उसने,
यकीनन मेरी रुह से
उसकी रुह का रिश्ता है कोई !!-
After a point of tolerance I deny from the core of my heart "the existence" of a person "betraying" consistently...& then I don't care for anything ...no looking back... it's my way...
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राह के पत्थर
सभी हटा दूंगा,
मै नया,
रास्ता बना दूंगा...
ठोकर लगी हो
जिन पत्थरों से तुम्हें,
यकीनन उनका मैं
वजूद तक मिटा दूंगा..!!-
लड़ने झगड़ने वालों से रिश्ता मत तोड़िए,उनसे संवाद बनाए रखिए क्योंकि लड़ लेने और कह सुन लेने वाले लोग साफ दिल के होते हैं...रिश्ता छल करने वालों से तुरंत तोड़ लीजिए क्योंकि बहुत मुमकिन है छल करने वाला आगे और बड़ा छल करेगा क्योंकि ये लोग बहुत निम्न स्तर के स्वार्थी होते हैं,बड़े धूर्त और घाघ होते हैं जिनमें मक्कारी कूट कूट के भरी होती है और झुक के माफी मांगने के समय ही ये अगली बार और ज्यादा तकलीफदेह घात करने की पूरी तैयारी कर रहे होते हैं ...लगभग 10 वर्षों से लोगों के काउंसलिंग करने से प्राप्त निचोड़ है यह..!
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जैसे ही किसी का आपके लिए
तनिक सा भी लहजा बदले,
आप तुरंत रास्ता बदल लीजिए,
उन संबंधों पर पूर्ण विराम का
बड़ा सा ताला जड़ दीजिए...
यकीन मानिए,ज्यादा सुखी रहेंगे,
अपने आत्म सम्मान की रक्षा करने में
जहां लोग लिहाज वश चूकते हैं,
वहीं से सारे दुखों की शुरुआत होती है..!-
मैं तो ठीक ही था
सब भला चंगा भी था,
उसने बातों का क्रम
शुरू करने के लिए
दिल पर मेरे
मरमरी हाथ रख के अपने,
मुस्कराती आंखों से
कुछ ऐसे तबीयत का
हाल पूछा मेरा
कि...इस दिले नादान को
फिर बीमार कर दिया..
इश्क में अपने उसने
उसी पल ही
गिरफ्तार कर लिया..!-
उनके जो भी करीबी हों उनको बोलो भाई कि मंगल सूत्र सिंदूर, गृहस्थी तीन तलाक जैसे कठिन शब्द वाले प्रश्नों से खुद को दूर रखें,ये एंटायर पॉलिटिकल साइंस से अलग विषय है जो उन्होंने नहीं पढ़ा है इसलिए इन शब्दों से परहेज करें,वरना फिर कई सवाल उठने लगेंगे तो फिर कहेंगे कि व्यक्तिगत जीवन पर हमले हो रहे हैं ..
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