महबूब की यादों में वो असर होता है रानी
जो चाहे तो बिना बारिश के भिगा दें !
और जो चाहे तो बिना खुशबू के महका दें!-
दिल में है बेसुकूनी ... परिशां है हाल
तो ऐसे मैं हम कैसे मनायें नया साल!-
Dimag to kehta hai wo khush hai apni zindagi mein uske chehre pe hansi aur khushi Nazar aati hai..ab ye sach hai ya jhoot malum nahi..per na Jane kyu
iss Dil ko uski hansi ke piche chhupi ek mayusi Nazar aati hai...-
हमने बहुत समझाया पर, उसने ना हमारी सुनी वफ़ादारी को ठुकराकर उसने दुनियादारी चुनी!
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हमने उन्हें रोकना तो बहुत चाहा मुर्शिद...
लेकिन वो जल्दी में थे अलविदा ही कहते रहे!-
तुम मेरी मोहब्बत हो प्यारे हो ज़हीन हो
लेकिन मुर्शिद तुम ना काबिले यकीन हो-
दुनिया के सामने झूठी मुस्कान लिए फिरता है ! पर मैं जानती हूं वो लड़का अपने अंदर क्या तूफान लिए फिरता है !
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Mohabbat mein ek buzdil mard aurat ke kirdar per war karke use thukra jata hai Aur ek bahadur mard usse nikah karke use apne ghar ki zeenat banata hai
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प्यार में तो सुख दुख बांटा जाता है
पर उसे प्यार निभाना कहाँ आता है
वो सुख में तो साथ निभाता है
और दुख में अकेला कर जाता है-
मुझे पैसा नहीं...सच्चा प्यार, जज़्बात और
सच्चे एहसासात चाहिए...ज्यादा कुछ नहीं-2
मुझे उससे उमर भर का साथ चाहिए.....
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