उससे कहना की वो मेरा एक ख्वाब है
जो चमकता है दिल मे वो मेहताब है
उससे कहना गेहू के खेतों के रंग
तिलमिलाती हुई तितलियों के उमंग
उससे कहना झूलो की अंगड़ाइयां और
उड़ते दुपट्टों की शहनाइयां
उससे कहना कि झरनों पर चंचल स्वाब
घाट की ताजगी आब्रुये जनाब
उससे कहना कि चक्की के पाटो का राग
लड़खड़ाती जवानी मचलता सुहाग
उससे कहना की दुल्हन के होठों की प्यास
पहले बोसे की गर्म और ठंडी मिठास
इतनी रंगीनियों को जो यकजा किया
हीर कुदरत ने तब तुझको पैदा किया
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