rangoli rahena  
206 Followers · 37 Following

Joined 5 December 2019


Joined 5 December 2019
24 APR AT 0:00

बरसों से ठहरा आंख का आंसू भी अब छूट गया,
एक भ्रम था तेरे होने का जैसे... वो भी अब टूट गया।।

आसमान में चांद पूनम का,,,, यूं ही नहीं पूरा है,
लेकर मेरी चांदनी ,,, कर दिया मुझे अधूरा है।।

आगे क्या लिखूं अब तुम ही बताओ मुझे..
चलो लिखती हूं,,,, क्या पढ़ने आओगे मुझे ?
रोऊं,,,तो न ही गले लगाओगे...न ही सहलाओगे,
क्यूं कि पता है मुझे,
इस तरह छोड़ गए हो की अब लौटकर नहीं आओगे,
चाहे कितना भी बुला लूं...तुम कभी नहीं आओगे,,,तुम कभी नहीं आओगे ।।


-


26 SEP 2023 AT 10:58

मलाल कहूं, कसक कहूं,
या एक ख़लिस,
है तो बस यही कि,
कभी कुछ बोल न पाऊं,
क्यूं कि,
कुछ मर्यादा तुम्हारी है,
कुछ सीमाएं हमारी,
बस समझ जाना "मौन स्वर"....
बातें अनकही,अनसुनी,
तिरोहित सी,
देख लेना आंखों में,
"डूबी हुई... अव्यक्त अभिलाषा",,,,
शायद यही हो,
तेरे और मेरे बीच की परिभाषा।।

-


23 JUN 2023 AT 11:12

बाकी तो हर धागा यहां कच्चा लगता है...
बंद आंखों से तुझमें खो जाना ही अच्छा लगता है....

-


21 JUN 2023 AT 12:34

खुशी..... स्वयं का साथ

अगर खुशी किसी दूसरे के साथ जुड़ी हो तो वह आशाओं और अपेक्षाओं के कारण दुख, पीड़ा और क्लेश भी देती है।

-


20 JUN 2023 AT 15:44

rangoli rahena

-


15 JUN 2023 AT 18:17

एक चढ़ती, एक उतरती सांस है,, ज़िंदगी
भागती घड़ी की सुइयों में इक आस है,, ज़िंदगी

बन जाए किसी की तो हिस्सा है,, ज़िंदगी
वरना होकर रह जाती किस्सा है,, ज़िंदगी

कोई जी लेता है तो किसी की कट जाती है,,, ज़िंदगी
जाने कितने भागों में बंट जाती है,, ज़िंदगी

पूछो किसी से तो.. सबकी अपनी-अपनी है,, ज़िंदगी
सच तो यही है कि काल के आगोश में है,, ज़िंदगी

जी लो इसे आज ही, अभी है,, ज़िंदगी
कल तो सबकी एक जैसी.. खामोश ही है,, ज़िंदगी।।

-


10 JUN 2023 AT 13:00

The vast shore of supreme solitude,
Pathless shore of infinite solitude,
Behind,,, the long road endured,
Ahead,,,, no-one knows....
the unknown tomb of death...

-


14 MAY 2023 AT 9:31

मां............

मां के प्यार से भीगा है त्रण त्रण...जीवित है कण-कण
बताओ!
मां को छोड़कर कौन सा पुण्य कमाया जाए,
कौनसी गंगा, कौनसी झेलम में जाकर नहाया जाए,
जिसने सौ बार जागकर सुलाया है रातों को,
उसे एक बार तो अपने गले लगाया जाए...

-


14 MAY 2023 AT 9:08

जब मुझे बोलना नहीं आता था तो मेरी भूख, प्यास, दर्द सब मां ही समझती थी,
और अब,,,,,, जब बोलना आता है तो कह देता हूं,
छोड़ो मां........ तुम नहीं समझती!

-


29 APR 2023 AT 17:35

इन्तज़ार है... तू आएगा यही आस रहती है,
पानी भरा है कोरों तक मगर सीने में प्यास रहती है,
कहना उनसे कि उनके बिना ज़िंदगी उदास रहती है...

-


Fetching rangoli rahena Quotes