उसकी जुल्फें कतली है चेहरा बहुत बवाल करता है
आंखें कुछ खास नहीं है रमते चश्मा कमाल करता है-
Rämtā Bäìřägí
(Rämtā Bäìrãgí)
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Këëp wrìtíñg hãbît is not bäd
Joined 24 August 2020
27 DEC 2021 AT 8:12
26 DEC 2021 AT 13:53
अब तो सिने से लिपटकर भी कुछ एहसास नहीं
वो इशारो कि मोहब्बत का मजा ही कुछ और था
रमता.....-
25 DEC 2021 AT 9:12
Yu hi nhi milte sade ishaq e bazar me
Thoda me tdpu thodi tu tdpe kisi ke pyar me-
5 OCT 2020 AT 7:59
12 SEP 2020 AT 13:02
सुना है उन आंखों से आजकल मोती झरते है
जिनमें कभी रमते तेरी चाय की तलब रहती थी-
3 SEP 2020 AT 10:07
भले ही खूब आती होगी मेहमान नवाजी तुझे ए पीलीबंगा
.
लेकिन तेरी कॉफी में अयालकी की चाय वाला वो स्वाद नहीं है-